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कोई कुत्ते पर पत्थर फेंकता है तो सरकार जिम्मेदार नहीं : वी.के. सिंह

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नई दिल्ली| हरियाणा में दो दलित बच्चों को जिंदा जलाए जाने की घटना के लिए पूर्व सेनाध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री वी.के. सिंह ने गुरुवार को एक पारिवारिक झगड़े को जिम्मेदार ठहराया। सिंह ने एक सादृश्य प्रस्तुत करते हुए यह भी कहा कि अगर कोई किसी कुत्ते पर पत्थर फेंकता है तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है। लेकिन बयान के कारण विवाद पैदा होने के बाद सिंह ने सफाई देते हुए कहा है कि उनका मकसद किसी प्रकार की तुलना करना नहीं था।

सिंह ने संवाददाताओं को कहा था अगर कोई किसी कुत्ते पर पत्थर फेंकता है तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है। यह दो परिवारों के बीच का झगड़ा था और मामले की जांच जारी है।सिंह का यह बयान हरियाणा के फरीदाबाद जिले में मंगलवार को एक दलित परिवार के घर में आग लगाए जाने की घटना के बाद आया, जिसमें परिवार के दो बच्चे जिंदा जल गए थे और उनके माता-पिता गंभीर रूप से जल गए थे।

सिंह ने कहा प्रशासन की नाकामयाबी का दोष सरकार के माथे पर नहीं मढ़ा जाना चाहिए। लेकिन उनके वक्तव्य पर विवाद पैदा होने के बाद कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने उन्हें अपदस्थ करने की मांग करते हुए कहा कि उन पर कानून के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए। सुरजेवाला ने मीडिया को कहा वीके सिंह ने जो कहा, वह बेहद अमानवीय और अस्वीकार्य है। मुझे समझ नहीं आ रहा कि मोदी के मंत्रियों को क्या हो रहा है। अनुसूचित जाति/जनजाति के खिलाफ अत्याचार अधिनियम के तहत उन पर मामला दर्ज किया जाना चाहिए।

सिंह ने बाद में अपने वक्तव्य पर सफाई देते हुए कहा था मेरा बयान किसी प्रकार की तुलना करना नहीं था। जाति, संप्रदाय या धर्म के मतभेद के बिना मेरे लोग और मैं देश के लिए सीमा पर अपनी जान की बाजी लगाते हैं। ट्वीट में सिंह ने कहा मैं इसी भावना के साथ अभी और सदैव देश की सेवा के लिए प्रतिबद्ध हूं। हमारा देश, इसकी कामयाबी और लोग मुझे प्रतिदिन प्रेरित करते हैं।

हालांकि सिंह ने लिखा कि स्थानीय मुद्दों को उकसाना नहीं चाहिए। सिंह ने कहा इस महान देश के नागरिक के तौर पर हम संवेदनशील हैं, लेकिन साथ ही जिम्मेदार भी हैं। भारत किसी भी एक पड़ोस या व्यक्ति से बड़ा है। हम सभी को एकजुट रहना चाहिए और किसी को भी स्थानीय मुद्दों को उकसाकर हमारी विविधता का लाभ उठाने का मौका नहीं देना चाहिए।

 

नेशनल

दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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