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प्रादेशिक

जिंदगी पुरुष, स्त्री किसी के लिए भी आसां नहीं : अनुजा चंद्रमौलि

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नई दिल्ली| लेखिका अनुजा चंद्रमौलि का कहना है कि स्त्री या पुरुष किसी के लिए भी जिंदगी आसां नहीं है। हाल में अनुजा की पौराणिक या दूसरे शब्दों में कहें तो नारीवादी किताब ‘शक्ति’ का विमोचन हुआ।

अनुजा ने आईएएनएस को बताया कि एक वक्त ऐसा भी था, जब उन्हें महसूस हुआ कि महिलाओं के प्रति दुनिया बड़ी जालिम है, क्योंकि अक्सर ऐसा लगा कि यह केवल मर्दो की दुनिया है जहां सारे ऐश पुरुषों के हिस्से आए हैं।

उन्होंने कहा, “शक्ति’ कोशिश करने का एक प्रयास है..मैं लैंगिकता के अंतर को समझती हूं।”

अनुजा ने कहा कि उन्हें महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा के बारे में जानकर ‘बहुत तकलीफ’ हुई।

उन्होंने स्त्री और पुरुष के बीच के वैर की वजह और उसके संभावित समाधान को जानने की कोशिश की।

पूर्व में कामदेव और अर्जुन पर किताबें लिखने वाली अनुजा ने कहा, “शक्ति’ नारीत्व और उन सभी चीजों के बुनियादी संतुलन का जश्न है, जहां पुरुष एवं स्त्री शक्तियों का एक दूसरे पर हावी होने की कोशिश करने की बजाय सही सामंजस्य के साथ सह-अस्तित्व हो।”

अनुजा दिव्य दैवी ‘शक्ति’ के प्रति मोहित हैं और अपनी किताब ‘शक्ति’ को अपना अब तक का ‘सबसे हिम्मती प्रयास’ बताती हैं।

अनुजा ने तय कर लिया है कि उनकी अगली किताब किस किरदार पर आधारित होगी। उन्होंने इसे एक ‘जैविक प्रक्रिया’ करार दिया।

उन्होंने कहा कि पौराणिक शैली में भारतीय लेखनी तेजी से आगे बढ़ रही है, जिसका श्रेय अमीश, आनंद नीलकांतन और देवदत्त पटनायक जैसे लेखकों को जाता है। वह लेखन के इस कांटे के मुकाबले में स्वयं को आगे बढ़ाने के लिए इस सोच के साथ चलती हैं कि ‘समझ लो कि दूर-दूर तक कोई नहीं है और आपके प्रतिद्वंद्वी क्या कर रहे हैं, इसमें दिमाग दौड़ाने की बजाय अपना काम करते रहो।’

अनुजा ने पौराणिक शैली की किताबों से थोड़ा ब्रेक लेने का निर्णय लिया है और शायद फंतासी की शैली का रुख करें। उन्हें विदेशी लेखक जॉर्ज आर.आर. मार्टिन, बिल वैटरसन और टेरी ब्रुक्स से बहुत प्रेरणा मिली है।

अनुजा ने कहा, “भारतीय लेखकों में मैं वेद व्यास और बाराद्वाज रंगन से प्रभावित हूं।”

273 पृष्ठों वाली ‘शक्ति’ बाजार में 295 रुपये में उपलब्ध है।

 

नेशनल

दिल्ली के विवेक विहार के बेबी केयर सेंटर में लगी आग, 7 बच्चों की मौत

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नई दिल्ली| दिल्ली के विवेक विहार में शनिवार रात एक बेबी केयर सेंटर में आग लगने से 7 बच्चों की मौत हो गई. पांच बच्चों का इलाज दूसरे अस्पताल में चल रहा है। अस्पताल से 12 नवजात बच्चों का रेस्क्यू किया गया था। इनमें से छह बच्चों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। जबकि एक की पहले ही मौत हो चुकी थी। बताया जा रहा है कि ऑक्सीजन सिलिंडर फटने से अस्पताल में आग लगी थी।

जानकारी के अनुसार दमकल विभाग को रात 11:32 पर आग लगने की सूचना मिली थी. जिसके तुरंत बाद मौके पर दमकल विभाग की 9 गाड़ियां भेजी गई. पुलिस और दमकल विभाग ने 12 बच्चों को रेस्क्यू किया, जिनमें से 7 की मौत हो गई है। जानकारी के अनुसार 5 बच्चे अस्पताल में एडमिट है। ईस्ट दिल्ली एडवांस्ड केयर हॉस्पिटल में बच्चों को एडमिट किया गया है दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) के प्रमुख अतुल गर्ग ने कहा कि विवेक विहार में आईआईटी, ब्लॉक बी के पास एक शिशु देखभाल केंद्र से आग लगने की सूचना मिलते ही कुल नौ दमकल गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचीं थी।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बच्चों के अस्पताल में आग की ये घटना हृदयविदारक है। घटना के कारणों की जांच की जा रही है और जो भी इस लापरवाही का ज़िम्मेदार होगा, वो बख्शा नहीं जाएगा। दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने नवजात शिशुओं की मौत पर स्वास्थ्य सचिव से रिपोर्ट तलब की है। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाएगी। जो भी व्यक्ति दोषी हैं। उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में सहानुभूति के सारे शब्द कम हैं।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस हादसे में, जिन्होंने अपने मासूम बच्चों को खोया है, हम उनके साथ खड़े हैं। घटनास्थल पर सरकार और प्रशासन के अधिकारी घायलों को इलाज मुहैया करवाने में लगे हुए हैं। दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) प्रमुख अतुल गर्ग ने कहा कि अस्पताल में सात बच्चों को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि पांच नवजात शिशुओं का इलाज चल रहा है। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए जीटीबी अस्पताल ले जाया गया है।

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