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प्रादेशिक

बांझपन का दर्द झेल रहीं महिलाओं में आइवीएफ ने जगाई उम्मीद

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लखनऊ। उप्र की राजधानी लखनऊ में देश के विभिन्‍न क्षेत्रों से आईं स्‍त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञों ने बांझपन का दर्द झेल रही महिलाओं में आधुनिक तकनीक के जरिए उम्‍मीद की एक नई किरण जगाई। दरअसल लखनऊ के एक होटल में आईवीएफ और टेस्‍टट्यूब बेबी के माध्‍यम से मां बनने का सौभाग्‍य प्राप्‍त करने के लिए इनमें आधुनिक तकनीकों के इस्‍तेमाल पर एक सेमिनार का आयोजन हुआ।
कार्यक्रम में देश की जानी मानीं स्‍त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञों ने क्‍या करने से पुरूष भी इनफर्टिलिटी का शिकार हो सकते हैं विशेषज्ञों ने बताया कि पैट की जेब में मोबाइल रखने, हॉट टब में नहाने या पैरों पर लैपटॉप रखकर काम करने से भी पुरूषों में इनफर्टिलिटी की आशंका बनी रहती है।
विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि अधिक मात्रा में चीनी का सेवन या अधिक मात्रा में प्‍यूरीफाइड कार्बोहाइड्रेटस लेने महिला के गर्भधारण में परेशानी की संभावना बनी रहती है। सेमिनार का आयोजन इंडियन फर्टिलिटी सोसाइटी और अजंता होप सोसाइटी ऑफ ह्यूमन प्रोडक्‍शन व रिसर्च के तत्‍वाधान में किया गया था।
इस अवसर पर राजधानी की मशहूर आइवीएफ तकनीक विशेषज्ञ व आयोजन सचिव डा. गीता खन्‍ना ने बताया कि खुद की संतान पाने में इन विंट्रो फर्टिलाइजेशन (आइवीएफ) तकनीक अब ज्‍यादा असरदार हो गई है। इस तकनीक के इस्‍तेमाल से पहले जहां सफलता की दर 20 से 25 प्रतिशत तक थी वहीं अब आधुनिक तकनीक के चलते सफलता की दर 50 से 60 प्रतिशत तक हो गई है।
डा. गीता खन्‍ना ने कहा कि अल्‍ट्रासोनोलॉजी सिस्‍टम में इसकी शुरूआत रंगीन डॉपल्‍र फ्लो सिस्‍टम से होती है। बेहतरीन हाईटेक क्‍वालिटी कंट्राल आइवीएफ लैब, आधुनिक प्रजनन बढ़ाने वाली लैप्रोस्‍कोपी और हिस्‍ट्रोस्‍कोपी ऑपरेशन, बेहतर दवाएं, भ्रूण प्रत्‍योरोपण और फ्रीजिंग में सकारात्‍मक देखभाल से भरपूर प्रसव आदि प्रसूता सुरक्षा के साथ ही एक मील का पत्‍थर साबित हुआ है।
आयोजन के मुख्‍य अतिथि आरएमएल इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के निदेशक डा. दीपक मालवीय ने आइवीएफ की सफलता के लिए नई तकनीक पर जोर दिया और वक्‍त के साथ दवाओं में भी बदलाव पर बल दिया।
सेमिनार में लखनऊ की डा. चंद्रावती, हैदराबाद से डा.ममता दीनदयाल, गुजरात से डा. नंदकिशोर नंदकर्णी, डा. पूर्णिमा नंदकर्णी, पुणे से डा. जैश अमीन, दिल्‍ली से डा. सुहानी वर्मा, डा.केडी नायर, डा. पंकज तलवार, डा. कुलदीप जैन सहित तमाम स्‍त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ शामिल रहे।

प्रादेशिक

इस्कॉन के चेयरमैन गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज का निधन, देहरादून के अस्‍पताल में थे भर्ती

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देहरादून। इस्‍कॉन इंडिया की गवर्निंग काउंसिल के अध्‍यक्ष गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज का रविवार को निधन हो गया। हृदय संबंधी बीमारी के चलते उन्‍हें तीन दिन पहले देहरादून के सिनर्जी अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्‍होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से भक्तों में शोक की लहर है।

इस्कॉन मंदिर के डायरेक्टर कम्युनिकेशन इंडिया बृजनंदन दास ने बताया कि 5 मई को शाम 4 बजे नई दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित मंदिर में दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर रखा जाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज दो मई को दूधली स्थित मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंचे थे। यहां वह अचानक फिसलकर गिर गए थे। इससे उन्हें चोट लगी थी। उनका तीन दिनों से सिनर्जी अस्पताल में इलाज चल रहा था। भक्त उनके आखिरी दर्शन दिल्ली के इस्कॉन मंदिर में कर सकेंगे। सोमवार को उनकी देह को वृंदावन ले जाया जाएगा। इसका समय अभी तय नहीं हुआ है।

 

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