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मुख्य समाचार

लखनऊ को मिलेगी सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल की सौगात, सीएम ने रखी नींव

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को राजधानी के सीजी सिटी में बनने वाले मेदांता अवध सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल की आधारशिला रखी। उम्मीद है कि यह अस्पताल एक साल में बन जाएगा। अखिलेश ने कहा कि मेदांता अस्पताल बन जाने के बाद लखनऊ के पास एम्स को टक्कर देने वाला एक निजी अस्पताल हो जाएगा। महंगे अस्पताल की बुनियाद रखे जाते समय सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और अमर सिंह भी मौजूद रहे।

अखिलेश ने कहा कि मेदांता ने देश-दुनिया में नाम कमाया है। देश के अच्छे अस्पतालों में एम्स के बाद मेदांता का नाम आता है। उन्होंने कहा कि लखनऊ चिकित्सा के क्षेत्र में सबसे बड़ी राजधानी होगी और मेदांता में गरीबों को भी अच्छे इलाज का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि लखनऊ में विकास की कई योजनाएं चल रही हैं। यहां जल्द स्टेडियम बनेगा।

सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, मेदांता अवध अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त विश्वस्तरीय चिकित्सा संस्थान होगा। इस अस्पताल में 20 से अधिक असाध्य रोगों का इलाज होगा। मरीजों के लिए 30 ऑपरेशन थिएटर, 1 हजार बेड, 300 क्रिटिकल केयर बेड होंगे। अस्पताल का निर्माण 12 एकड़ क्षेत्र में किया जा रहा है। अस्पताल के खुलने से लगभग 25 हजार लोगों के लिए रोजगार भी उपलब्ध होगा।

कार्यक्रम के दौरान मुलायम सिंह ने कहा कि देश में उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा राज्य है और मेदांता का यहां आना प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि है। मेदांता को उप्र में कोई असुविधा नहीं होगी। उन्होंने कहा कि उप्र सरकार सबसे अच्छा काम कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि सपा सरकार जनता को काफी सुविधाएं दे रही हैं।

नेशनल

पंजाब में दो मालगाड़ियां आपस में टकराई, दूसरे ट्रैक पर आ रही पैसेंजर ट्रेन को चपेट में लिया, बड़ा हादसा टला

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अमृतसर। पंजाब के सरहिंद में रविवार की सुबह एक बड़ा हादसा हो गया। सरहिंद के माधोपुर के पास सुबह करीब 3:30 बजे दो मालगाड़ियां आपस में टकरा गईं, इनमें से एक का इंजन पलट गया और साइड ट्रैक से गुजर रही पैसेंजर ट्रेन से टकरा गया। इस हादसे में मालगाड़ी के दो लोको पायलट घायल हो गए। उन्हें पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में रेफर कर दिया गया।

यह दुर्घटना पिछले साल ओडिशा के बालासोर में हुए हादसे से मिलती जुलती है। उस हादसे में एक दूसरी ट्रेन आकर रेलवे ट्रैक पर पहले से खड़ी ट्रेन से टकरा गई थी। इस टक्कर में पास से गुजर रही एक तीसरी ट्रेन भी इसकी चपेट में आ गई। ओडिशा रेल हादसे में 293 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। श्री फतेहगढ़ साहिब में हुए इस हादसे की रूपरेखा कुछ-वैसी ही है। हालांकि ट्रेनों की गति धीमी होने के कारण बड़ा हादसा होते होते रह गया।

दरअसल मालगाड़ियों के लिए बनाए गए डीएफसीसी ट्रैक पर कोयले से लोडेड 2 मालगाड़ियां खड़ी थीं। इन मालगाड़ियों को रोपड़ की तरफ जाना था। लेकिन रविवार की सुबह अचानक मालगाड़ी का इंजन खुलकर दूसरी गाड़ी से टकरा गया। इंजन पलटकर अंबाला से जम्मू तवी की ओर जा रही पैसेंजर गाड़ी में फंस गया. जिससे पैसेंजर गाड़ी समर स्पेशल को भी नुकसान पहुंचा। हादसे के बाद समर स्पेशल गाड़ी को दूसरा इंजन लगाकर राजपुरा भेजा गया। वहीं अब ट्रैक को ठीक करने का काम जारी है। रेलवे के कर्मचारी मौके पर ट्रैक को ठीक करने में जुटे हुए हैं।

हादसे का शिकार हुए दोनों लोको पायलट उतरप्रदेश के सहारनपुर जिले के रहने वाले हैं। उनकी पहचान विकास कुमार और हिमांशु कुमार के रुप में हुई है। इंजन के शीशे तोड़कर दोनों लोको पायलट को बाहर निकाला गया। जिसके बाद उन्हें एंबुलेंस की मदद से सिविल अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उनकी गंभीर हालत को देखते हुए पटियाला के राजिंद्रा अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। ई है.

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