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दूसरे चरण का मतदान शुक्रवार को, अधिकांश सीटें नक्सल प्रभावित
पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में शुक्रवार को 32 विधानसभा क्षेत्र के करीब 86़13 लाख मतदाता 32 महिला समेत 456 प्रत्याशियों के राजनीतिक भविष्य का फैसला करेंगे। दूसरे चरण में अधिकांश सीटें नक्सल प्रभावित हैं। इस चरण में जिन छह जिलों के 32 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होना है, उनमें 23 विधानसभा क्षेत्रों को नक्सल प्रभावित घोषित किया गया है। सामान्य विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक मतदान कर सकेंगे, जबकि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मतदान का समय अपराह्न् तीन बजे तक और कुछ क्षेत्रों में शाम चार बजे तक तय है।
राज्य निर्वाचन आयोग के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी आऱ लक्ष्मणन ने बताया कि सभी मतदान केंद्रों पर केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों की तैनाती की जा रही है। मतदान के लिए संबंधित जिलों में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा कर दी गई है। उन्होंने बताया कि मतदान के दिन हेलीकॉप्टरों की तैनाती की जाएगी तथा कुछ क्षेत्रों में मोटरबोट से भी गश्त की व्यवस्था की गई है।
इस चरण के चुनाव में मुख्य मुकाबला सत्ताधारी महागठबंधन और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के बीच माना जा रहा है। कुछ क्षेत्रों में अन्य राजनीतिक दल और निर्दलीय प्रत्याशी भी मुकाबले को तिकोना बनाने के प्रयास में हैं।
बिहार चुनाव के दूसरे चरण के मतदान में कैमूर, रोहतास, अरवल, जहानाबाद, औरंगाबाद और गया जिले के मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। इस चरण में 86़13 लाख मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे, जिनके लिए 9,119 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। दूसरे चरण में 456 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इस चरण में कई हाइप्रोफाइल सीटें हैं। इस चरण में पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी, विधानसभा अध्यक्ष और जद (यू) नेता उदय नारायण चौधरी, भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रेम सिंह, रामेश्वर चौरसिया तथा मांझी के पुत्र संतोष कुमार का राजनीतिक भविष्य दांव पर है।
इस चरण के चुनाव में राजग की ओर से भाजपा के 16, हम के सात, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के छह, लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के तीन उम्मीदवार हैं, जबकि महागठबंधन में राजद और जद (यू) के 13-13 उम्मीदवार हैं तथा कांग्रेस के छह उम्मीदवार हैं। इस चरण के मतदान के लिए मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए सभी राजनीतिक दलों ने पूरा जोर लगाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह समेत दर्जनभर केंद्रीय मंत्रियों ने कई चुनावी सभा कर लोगों से राजग के पक्ष में मतदान करने की अपील की।
महागठबंधन की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सत्ताधारी महागठबंधन के प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार किया। इस चुनाव में कांग्रेस, राजद और जद (यू) महागठबंधन के तहत चुनाव मैदन में है वहीं भाजपा नेतृत्व वाले राजग में लोजपा, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) और हम है। वामपंथी दल एक अलग मोर्चा बनाकर चुनावी समर में ताल ठोंक रहा है, जबकि सपा के नेतृत्व में छह दलों का तीसरा मोर्चा भी चुनावी मैदान में है।
बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों के लिए 12 अक्टूबर से पांच नवंबर के बीच पांच चरणों में मतदान होना है। पहले चरण के तहत सोमवार को 49 सीटों पर मतदान हो चुका है। सभी सीटों की मतगणना आठ नवंबर को होगी।
नेशनल
पश्चिम बंगाल में हुए रेल हादसे पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जताया दुःख, दार्जिलिंग रवाना
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में हुए रेल हादसे पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दुःख जताया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर लिखा है, NFR जोन में दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना हुई है। बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। रेलवे, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ मिलकर काम कर रहे हैं। घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं।
बता दें कि इस हादसे में आठ लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में ट्रेन के लोको पायलट भी शामिल हैं। मृतकों का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना एनएफ रेलवे के सीपीआरओ सब्यसाची डे का कहना है कि लगभग 25 लोग घायल हो गए हैं और उन्हें पास के अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है। बचाव अभियान युद्ध स्तर पर चल रहा है। हम बचाव अभियान को समाप्त करने की कोशिश कर रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारी पहले ही घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार कंचनजंगा को एक मालगाड़ी ने पीछे से टक्कर मार दी है। हमें 8 लोगों की मौत की जानकारी मिली है।
पश्चिम बंगाल में कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना पर पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि अभी इसके कारण के बारे में बात करना जल्दबाजी होगी लेकिन आधुनिक समय में इसकी जांच और गहन सुधार की आवश्यकता है। मैं अनुमान लगा रहा हूं कि संभवतः यह इंजन ‘कवच’ (एक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली) नहीं थी। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि सरकार सुधारात्मक कार्रवाई करेगी।
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