Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

चीन-सिंगापुर ने नई अंतर-सरकारी परियोजना की योजना बनाई

Published

on

Loading

बीजिंग। चीन और सिंगापुर के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच एक अंतर-सरकारी परियोजना पर विचार-विमर्श की प्रक्रिया तेज करने पर सहमति बन गई है। इस परियोजना के पश्चिमी चीन में बिजनेस पार्क की शक्ल लेने की संभावना है। चीन के उप प्रधानमंत्री झांग गाओली और सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री ताओ ची हेन ने मंगलवार को सिंगापुर में इन बैठकों की सहअध्यक्षता की। सिंगापुर में चीन के राजदूत चेन शियाडोंग के मुताबिक, इस परियोजना के तहत भंडारण (लॉजीस्टिक्स) और वित्त पर ध्यान दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि यह परियोजना भौगोलिक दृष्टि के तहत अधिक दूरगामी होगी। गौरतलब है कि चीन और सिंगापुर के कूटनीतिक संबंधों को 25 साल पूरे हो गए हैं।

चीन अब सिंगापुर का मुख्य व्यापारिक साझेदार है, जबकि सिंगापुर के लिए चीन सबसे बड़ा निवेश स्रोत है। दोनों देशों के बीच व्यापार 1990 के 2.8 अरब डॉलर की तुलना में बढ़कर 2014 में 95.8 अरब डॉलर हो गया।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

Published

on

Loading

नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

Continue Reading

Trending