अन्तर्राष्ट्रीय
पाक की कोर्ट ने दिलीप कुमार के घर के बाबत पूछे सवाल
इस्लामाबाद। पेशावर की एक अदालत ने बुधवार को प्रांतीय संस्कृति और पुरातत्व विभाग के सचिव से पूछा कि क्या सरकार भारत के प्रख्यात अभिनेता दिलीप कुमार के पुश्तैनी घर को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करना चाहती है? ‘डॉन’ की रपट के मुताबिक, आदलत ने घर के मालिक हाजी लाल मोहम्मद की याचिका के मामले में यह आदेश दिया है कि क्या सरकार अब भी घर का अधिकार लेकर उसे राष्ट्रीय इमारत बनाना चाहती है।
हाजी लाल के वकील शहनवाज हुसैन ने दिलीप कुमार के घर के बारे में कहा कि संपत्ति को लेकर कई भ्रांतियां हैं। याचिकाकर्ता ने कहा, “घर पहले गुलाम मोहियुद्दीन के नाम था जिसने 26 जनवरी, 1943 को उसे भारत के अभिनेता दिलीप कुमार (युसुफ खान) के पिता के नाम कर दिया था।” शहनवाज ने कहा कि दावा किया गया था कि दिलीप का बचपन इसी घर में बीता था, लेकिन यह दावा गलत है, क्योंकि दिलीप का जन्म 1922 में हुआ था, जबकि उनके पिता ने यह संपत्ति 1943 में खरीदी थी।
वकील ने कहा कि इस घर को दिलीप कुमार की पैतृक संपत्ति नहीं कहा जा सकता, क्योंकि उनके पिता ने खरीदने के तीन दिनों के बाद ही इसे बेच दिया था। 2012 की तत्कालीन प्रांतीय सरकार ने घर को अपने अधिकार में लेने की पेशकश की थी, लेकिन याचिकाकर्ता ने इसे ठुकरा दिया था।
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गहरी नींद में थे लोग, तभी भूस्खलन से गांव पर आ गिरा पहाड़ का मलबा, 100 से ज्यादा की हुई मौत
नई दिल्ली। पापुआ न्यू गिनी में शुक्रवार को हुए भूस्खलन में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। एबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, भूस्खलन की घटना कथित तौर पर दक्षिण प्रशांत द्वीपीय देश की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में एंगा प्रांत के काओकलाम गांव में घटी। यह हादसा स्थानीय समय के अनुसार तड़के 3 बजे करीब हुआ। इलाके के निवासियों का कहना है कि मृतकों की संख्या 100 से अधिक भी हो सकती है।
यह प्राकृतिक आपदा तब हुई, जब पूरा गांव अलसुबह करीब 3 बजे गहरी नींद में था और पहाड़ का मलबा गांव पर आ गिरा।ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (ABC) की रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि शुक्रवार तड़के पापुआ न्यू गिनी के एक सुदूर गांव में हुए भूस्खलन में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। यह इलाका पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किमी उत्तर-पश्चिम में स्थित एंगा प्रांत के काओकालम गांव में हुई है।
स्थानीय लोगों के हवाले से एबीसी ने जानकारी दी है कि इस प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। हालांकि अधिकारियों ने अभी तक मौत के आधिकारिक आँकड़ों की जानकारी नहीं दी है। सोशल मीडिया पर भी इस खौफनाक हादसे के कई वीडियो सामने आए हैं, जिससे बड़ी-बड़ी चट्टानों, पेड़ों और मलबे के नीचे से ग्रामीणों की लाशों को निकालते हुए दिखाया जा रहा है।
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