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मनोरंजन

मैंने समय से आगे काम किया : मेघना गुलजार

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राधिका भिरानी

नई दिल्ली। जिस समय 2002 में प्रयोगधर्मी फिल्मों स्वीकृति नहीं थी, जैसा कि आज भी है, फिल्मकार मेघना गुलजार ने उस समय भी फिल्म ‘फिलहाल’ के साथ लीक से अलग हटकर चलने की हिम्मत दिखाई। यह फिल्म सरोगेट मां पर आधारित थी। उन्हें खुशी है कि उन्होंने अपनी रचनात्मकता के साथ समय से आगे चल रही हैं।

प्रख्यात लेखक गुलजार और अनुभवी अभिनेत्री राखी की बेटी मेघना ने एक साक्षात्कार में कहा, “मेरी फिल्म ‘फिलहाल’ को पसंद किया गया था। मगर वह सफल नहीं हुई थी। लोग कहते हैं कि उस फिल्म को अब प्रदर्शित होना चाहिए। लेकिन मैं इस बात से खुश हूं कि मैं इस लिहाज से तो समय से आगे चल रही हूं।” मेघना गुलजार की अगली प्रदर्शित होने वाली फिल्म ‘तलवार’ है, जो आरुषि हत्याकांड पर आधारित है। फिल्म ‘तलवार’ ऐसे समय में प्रदर्शित होने वाली है, जब शीना बोरा हत्याकांड लोगों का ध्यान आकर्षित किए हुए है।

मेघना (41), जो खुद एक मां हैं, ने कहा, “जब किसानों की दुर्दशा का मुद्दा था, मजदूरों की समस्या थी, तब हमारे पा ‘दो बीघा जमीन’ थी। जब औद्योगिक और मध्यम श्रेणी के श्रमिकों का एक मुद्दा था, तब हमारे पास उन मुद्दों पर आधारित फिल्में और किरदार थे। अब हम माता-पिता द्वारा बच्चों की हत्या किए जाने पर फिल्म बना रहे हैं, क्योंकि आज समाज में ऐसा घट रहा है।”

मेघना ने फिल्म ‘माचिस’ और ‘हु तू तू’ जैसी फिल्मों में अपने लेखक-फिल्मकार पिता के सहायक के तौर पर काम किया था। उन्होंने अपनी बात के समर्थन में प्रासंगिक उदाहरण देते हुए कहा, “जब ‘बैंडिट क्वीन’ बनी थी तो स्कैंडल की वजह से नहीं, बल्कि इसलिए क्योंकि निर्माता को महसूस हुआ कि यह कहानी सामने लाने की जरूरत है। जब ‘माचिस’ और ‘हु तू तू’ बनी तो कहानी बताने की जरूरत थी।”

फिल्म की कहानी 14 वर्षीय आरुषि तलवार और उसके 45 वर्षीय घरेलू नौकर हेमराज की हत्या के इर्दगिर्द है। इस मामले में आरुषि के माता-पिता को नवंबर 2013 में दोषी ठहराया गया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। इरफान खान तब्बू और कोंकणा सेन शर्मा अभिनीत फिल्म को इस महीने के प्रारंभ में टोरंटो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में वल्र्ड प्रीमियर के लिए चुना गया है। वहां फिल्म को काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली। फिल्म दो अक्टूबर को रिलीज होगी।

प्रादेशिक

13 साल बाद एक्ट्रेस को मिला इंसाफ, कोर्ट ने हत्यारे बाप को सुनाई फांसी की सजा

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मुंबई। एक्ट्रेस लैला खान और उसके पूरे परिवार के हत्यारे सौतेले पिता को मुंबई की सेशन कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में परवेज टाक को लैला, उनकी मां और चार भाई-बहन की हत्या और सबूतों को नष्ट करने का दोषी ठहराया था। यह मामला 13 वर्ष पुराना है। सौतेले प‍िता ने लैला, उसकी मां व चार भाई-बहनों की हत्या की थी, इसके बाद शवों को फार्म हाउस में गड्ढा खोदकर दफन कर दिया था।

बता दें कि बीते सप्ताह सरकारी वकील पंकज चव्हाण ने दोषी परवेज टाक के लिए मौत की सजा की मांग की थी। उनका कहना था कि इस हत्या को पूरी तरह से प्लान करके किया गया था, जिसमें एक ही परिवार के छह लोगों को बड़ी ही बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया और शवों को ठिकाने लगा दिया गया।

लैला खान हत्याकांड में मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान आरोपी के वकील वहाब खान ने दलील पेश की, जिसमें उन्होंने कम से कम आजीवन कारावास की सजा की मांग की। वकील ने कहा कि कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है और शव उनके कहने पर बरामद किए गए थे। इतना ही नहीं बल्कि दोषी के वकील ने जेल में टाक के अच्छे व्यवहार की ओर इशारा करते हुए कहा कि उसमें सुधार हुआ है और इसलिए उन्होंने इसे भी सजा को कम करने का आधार बताया है। हालांकि कोर्ट ने उनकी एक न सुनी और परवेज टाक को फांसी की सजा सुना दी।

बता दें कि परवेज टाक, लैला का सौतेला पिता है। परवेज ने लैला की मां संग तीसरी शादी की थे। साल 2011 में फरवरी में लैला खान, उनकी मां और चार भाई-बहनों की महाराष्ट्र के नासिक जिले के इगतपुरी स्थित उनके बंगले में हत्या कर दी गई थी। रिपोर्ट्स की मानें तो कहा गया कि संपत्तियों पर बहस के बाद परवेज ने इस घटना को अंजाम दिया था।

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