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मनोरंजन

नीलाद्रि और राशिद का नया वाद्य संगीत

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मुंबई। सितार और गिटार के मेल से बने ‘जिटार’ के आविष्कारक माने जाने वाले सितार वादक नीलाद्रि कुमार ‘कभी-कभी अदिति’ से चर्चित हुए बॉलीवुड गायक और गिटार वादक राशिद अली के साथ एक नए गीत के लिए धुन संयोजन कर रहे हैं। यह एक वाद्य संगीत है, जिसे ‘हेड टू हार्ट’ शीर्षक दिया गया है। इसमें नीलाद्रि जिटार पर और राशिद अली गिटार पर संगीत के सुर मिलाएंगे।

नीलाद्रि ने कहा, “हमारा दिल और दिमाग ज्यादातर मामलों में कभी भी एक नहीं होता। दिमाग जहां वास्तविकता, तकनीकी समझ और सुस्पष्टता पर ध्यान देता है, वहीं दिल सपनों, इच्छाओं, कल्पनाओं और अभिलाषाओं के बारे में सोचता है। यह गीत इस विचार से प्रेरित है कि तीव्र गति से दौड़ते दिल और दिमाग में, अगर दिल और दिमाग एक होकर चलें तो कैसा अनुभव होगा।”

राशिद और अन्य संगीतकारों के साथ अपने इस संगीत वाद्य समागम के बारे में नीलाद्रि ने कहा, “अपने दिल की सुनने के लिए आपको अपने दिमाग को समझाना होगा और दिल को समझने के लिए आपको गहराई तक सोचना होगा कि आपका दिल आपसे क्या कह रहा है। यानी कि दिल और दिमाग दोनों को अलग-अलग रखते हुए भी उनका एक साथ समन्वय जरूरी है। राशिद के साथ मेरा समन्वय भी कुछ ऐसा ही है। अन्य संगीतकारों के साथ काम करके मुझे नया रचने और नए प्रकार के संगीत और धुनों के साथ प्रयोग करने का मौका मिलता है।”

वाद्य संगीत के इस वीडियो में नीलाद्रि और राशिद अपने-अपने वाद्य यंत्र बजाते दिखाई देंगे। यह वीडियो अंधेरी स्थित ओशिवारा में नीलाद्रि के भोजनालय ‘जिटार’ में शूट किया गया, जिसे वर्ष के अंत तक खोले जाने की योजना है। इस एकल प्रस्तुति को शिरीष तोमर ने निर्देशित और संपादित किया है और अर्जुन नायर ने इसे योजनाबद्ध किया है।

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प्रादेशिक

13 साल बाद एक्ट्रेस को मिला इंसाफ, कोर्ट ने हत्यारे बाप को सुनाई फांसी की सजा

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मुंबई। एक्ट्रेस लैला खान और उसके पूरे परिवार के हत्यारे सौतेले पिता को मुंबई की सेशन कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में परवेज टाक को लैला, उनकी मां और चार भाई-बहन की हत्या और सबूतों को नष्ट करने का दोषी ठहराया था। यह मामला 13 वर्ष पुराना है। सौतेले प‍िता ने लैला, उसकी मां व चार भाई-बहनों की हत्या की थी, इसके बाद शवों को फार्म हाउस में गड्ढा खोदकर दफन कर दिया था।

बता दें कि बीते सप्ताह सरकारी वकील पंकज चव्हाण ने दोषी परवेज टाक के लिए मौत की सजा की मांग की थी। उनका कहना था कि इस हत्या को पूरी तरह से प्लान करके किया गया था, जिसमें एक ही परिवार के छह लोगों को बड़ी ही बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया और शवों को ठिकाने लगा दिया गया।

लैला खान हत्याकांड में मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान आरोपी के वकील वहाब खान ने दलील पेश की, जिसमें उन्होंने कम से कम आजीवन कारावास की सजा की मांग की। वकील ने कहा कि कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है और शव उनके कहने पर बरामद किए गए थे। इतना ही नहीं बल्कि दोषी के वकील ने जेल में टाक के अच्छे व्यवहार की ओर इशारा करते हुए कहा कि उसमें सुधार हुआ है और इसलिए उन्होंने इसे भी सजा को कम करने का आधार बताया है। हालांकि कोर्ट ने उनकी एक न सुनी और परवेज टाक को फांसी की सजा सुना दी।

बता दें कि परवेज टाक, लैला का सौतेला पिता है। परवेज ने लैला की मां संग तीसरी शादी की थे। साल 2011 में फरवरी में लैला खान, उनकी मां और चार भाई-बहनों की महाराष्ट्र के नासिक जिले के इगतपुरी स्थित उनके बंगले में हत्या कर दी गई थी। रिपोर्ट्स की मानें तो कहा गया कि संपत्तियों पर बहस के बाद परवेज ने इस घटना को अंजाम दिया था।

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