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अन्तर्राष्ट्रीय

तिआनजिन विस्फोट में मृतकों की संख्या 139 हुई

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तिआनजिन। चीन के तिआनजिन में हुए भीषण विस्फोट में मृतकों की संख्या बढ़कर 139 हो गई है, जबकि 34 लोग अभी भी लापता हैं। बचाव अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। मंगलवार को 135 लोगों के मारे जाने व 38 अन्य के लापता होने की घोषणा की गई थी। बुधवार को लापता चार लोगों के मारे जाने की पुष्टि की गई।

84 दमकलकर्मियों, आठ पुलिसकर्मियों तथा 47 अन्य सहित सभी मृतकों की पहचान हो गई है। लापता लोगों में 20 दमकलकर्मी, तीन पुलिसकर्मी तथा 11 अन्य शामिल हैं। हादसे में घायल 527 लोग अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें 34 की हालत गंभीर है। हादसे में घायल कुल 272 लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। उल्लेखनीय है कि चीन के तिआनजिन में खतरनाक रसायनों के एक गोदाम में 12 अगस्त को रात 11.30 बजे के आसपास दोहरा विस्फोट हुआ था। गोदाम में 700 टन सोडियम सायनाइड जैसे खतरनाक रसायन का भी भंडारण किया गया था।

कर्मी विस्फोट स्थल की सफाई के काम में लगे हैं, जबकि जांचकर्ता घटना के कारणों की जांच में लगे हैं। पर्यावरण निगरानी समूह ने मंगलवार की अपनी रपट में विस्फोट स्थल के आसपास वायु में प्रदूषकों की अत्यधिक मात्रा में उपस्थिति से इंकार किया। वहीं अपवर्जन क्षेत्र के अंदर स्थापित छह निगरानी केंद्रों में हालांकि पानी के नमूनों में सायनाइड का स्तर अधिक होने का पता चला है। निगरानी केंद्र ने एक जगह पर आधिकारिक स्तर से 32 गुना अधिक सायनाइड होने की जानकारी दी है। इसके अलावा, दो निगरानी केंद्रों ने समुद्री जल में सायानाइड होने की जानकारी दी है, लेकिन उसका स्तर सुरक्षित है। विस्फोट स्थल के निकट भूजल में सायनाइड नहीं होने की पुष्टि हुई है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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