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यूपी : देह व्यापार में मां-बेटे को 7 साल कैद

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झांसी। दिल्ली स्टेशन पर घर से भागी हुई पश्चिम बंगाल की एक युवती मिली तो झांसी की महिला उसे यह कहकर अपने साथ ले आई कि वह अपने बेटे से उसकी शादी करा देगी और बहू को बेटी की तरह प्यार देगी, मगर उसके साथ धोखा हुआ। युवती को देह व्यापार के दलदल में धकेल दिया गया।

युवती एक दिन मौका पाकर उनके चंगुल से भाग निकली और शहर कोतवाली की पुलिस के पास पहुंचकर मां-बेटे के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद मामला झांसी न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रक कोर्ट में चल रहा था। दोष साबित हो जाने पर अदालत ने आरोपी मां-बेटे को सात वर्ष का सश्रम करावास एवं अर्थदंड सुनाया।

जिला न्यायालय के सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता जाहिद मंसूरी ने रविवार को बताया कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के कांदी निवासी 19 वर्षीय युवती घर से भागकर दिल्ली आई थी। दिल्ली रेलवे स्टेशन पर झांसी के गुदरी मोहल्ला निवासी रानी उर्फ हाजरा बेगम (उस्मान अली की पत्नी) युवती को अपनी बिरादरी का बताते हुए अच्छी तरह देखभाल करने व अपने बेटे के साथ विवाह कराने का झांसा देकर अपने साथ झांसी ले आई थी।

झांसी लाने के बाद हाजरा ने कुछ दिन उसे ठीक तरह से अपने घर में रखा। वह अपने 21 वर्षीय बेटे फारुख के साथ उसका निकाह करवाने की बात कहती रही, मगर इसके बाद जबरन उससे देह व्यापार करवाने लगी। मना करने पर मां-बेटे ने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी। दहशतजदा युवती मन मारकर अनैतिक व्यापार करने को मजबूर हो गई। 5 जनवरी, 2014 को हाजरा के घर कुछ मेहमान आए हुए थे। उसी समय मौका पाकर पीड़िता उनके घर से भाग निकली और किसी प्रकार कोतवाली पहुंची। उसने पुलिस को आपबीती सुनाई। पुलिस ने मां-बेटे के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद में दोनों के खिलाफ आरोपपत्र न्यायालय में पेश किया गया।

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रक कोर्ट के न्यायाधीश सुरेश चंद्र ने पीड़िता के साथ वेश्यावृत्ति कराए जाने सहित विभिन्न धाराओं में आरोप सिद्ध होने पर हाजरा बेगम को धारा 366 के तहत सात वर्ष का सश्रम कारावास, 5 हजार रुपये अर्थदंड, धारा 323 व 342 में तीन-तीन माह का सश्रम कारावास, एक हजार रुपये अर्थदंड, देह व्यापार अधिनियम की धारा 3 व 5 के तहत एक-एक वर्ष का सश्रम कारावास, एक-एक हजार रुपये का अर्थदंड, धारा 6 के तहत सात वर्ष का सश्रम कारावास व पांच हजार रुपये अर्थदंड और अदा न करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने की सजा सुनाई।

अदालत ने हाजरा के बेटे फारुख को धारा 376 के तहत दोषी करार देते हुए सात वर्ष का सश्रम करावास, 5 हजार रुपये अर्थदंड, धारा 323, 342 में तीन-तीन माह का सश्रम कारावास, एक हजार रुपये अर्थदंड, देह व्यापार निवारण अधिनियम की धारा 3, 5, 6 के तहत एक-एक वर्ष का सश्रम कारावास व एक-एक हजार रुपये अर्थदंड, धारा 8 के तहत सात वर्ष का सश्रम कारावास, पांच हजार रुपये का अर्थदंड और अदा न करने पर छह माह के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है।

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बेंगलुरु इस्कॉन मंदिर में मनाया जा रहा है 25वीं रजत जयंती का ब्रम्ह महोत्सव

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लखनऊ। बेंगलुरु “इस्कॉन मंदिर” में भगवान और समाज की सेवा की “25वीं रजत जयंती” के वर्षों को 21 अप्रैल से 03 मई तक चिह्नित करते हुए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का अविस्मरणीय अलौकिक दिव्य-भव्य “ब्रम्ह महोत्सव” पूजा-अर्चना समारोह आयोजित* हुआ है।

इस दरम्यान *प्रभु मधु पंडित व प्रभु चंचल पति , प्रभु लक्ष्मीपति और प्रभु अनंतवीर्य ने अपने-अपने विचारों से अवगत कराया।

सभी भक्तों को बताया कि *प्रभु पाद जी के त्याग और समर्पण भाव से प्रेरणा* लेनी चाहिए। उन्होंने साथ ही यह भी बताया गृहस्थ जीवन में भी सभी को नियमित ब्रम्हमुहूर्त में महामंत्र का जाप करना चाहिए। श्रीकृष्ण जी की गीता वाणी का अध्ययन करके अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए। इस्कॉन मंदिर में काफी संख्या में भक्तगण राधा कृष्ण का दर्शन करके प्रसादम् और आशीर्वाद लेते हैं। संध्या काल में राधा-कृष्ण पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। मंदिर में अन्य दिनों की अपेक्षा प्रत्येक शनिवार और रविवार को सभी आयु वर्गों के भक्तों की अत्यधिक उपस्थिति रहती है।

*बेंगलुरु में इस्कॉन मंदिर श्री कृष्ण भगवान और समाज की सेवा के 25वीं रजत जयंती के वर्षों को चिह्नित करते हुए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का “ब्रम्ह महोत्सव का उत्सव” 21 अप्रैल से 03 मई तक मनाया* जा रहा है। इसमें भाग लेने के लिए संपूर्ण भारत के विभिन्न राज्यों से भक्तजन आते हैं।

*इस्कॉन का हरे कृष्ण मंदिर*
इस्कॉन मंदिर (*International Society for Krishna Consciousness) बेंगलुरु की खूबसूरत इमारतों में से एक है*। इस इमारत में कई अत्याधुनिक सुविधाओं में *मल्टी-विजन सिनेमा थियेटर, कम्प्यूटर सहायता प्रस्तुतिकरण थियेटर एवं वैदिक पुस्तकालय और उपदेशात्मक पुस्तकालय* है। इस *मंदिर के अनुयाई सदस्यों व गैर-सदस्यों* के लिए यहां रहने की भी काफी उत्तम सुविधा उपलब्ध है। मालूम हो कि अपनी विशाल सरंचना के कारण *इस्कॉन मंदिर बेंगलुरु में बहुत प्रसिद्ध* है और इसीलिए *बेंगलुरु का सबसे मुख्य पर्यटन स्थान* भी है। इस मंदिर में आधुनिक और *वास्तुकला का दक्षिण भरतीय मिश्रण परंपरागत रूप से पाया जाता* है। मंदिर में अन्य संरचनाएं *बहु दृष्टि सिनेमा थिएटर और वैदिक पुस्तकालय*। मंदिर में भक्तों के लिए रहने कि सुविधाएं भी उपलब्ध है।

*इस्कॉन मंदिर के बैंगलुरु में छ: मंदिर हैं*

*राधा-कृष्ण मंदिर (मुख्य मंदिर)*
*कृष्ण-बलराम मंदिर,*
*निताई गौरंगा मंदिर (चैतन्य महाप्रभु और नित्यानन्दा),*
*श्रीनिवास गोविंदा (वेंकटेश्वरा)*
*प्रहलाद-नरसिंह मंदिर एवं श्रीला प्रभुपादा मंदिर*
*बैकुंठ हिल में तिरुपति बालाजी मंदिर और योग व भोग नरसिम्हा मंदिर*
उत्तर बेंगलुरु के राजाजीनगर में स्थित *राधा-कृष्ण का मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर है*। इस *मंदिर का शंकर दयाल शर्मा ने सन् 1997 में उद्घाटन* किया था।

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