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मुख्य समाचार

यू-17 फीफा विश्व कप का प्रचार करेंगे गांगुली

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कोलकाता| शीतल पेय कंपनी कोका-कोला ने फुटबाल और भारत में होने वाले अंडर-17 फीफा विश्व कप के प्रचार के लिए पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान सौरव गांगुली के साथ करार किया है। गांगुली के साथ कोका-कोला ने तीन साल का करार किया है। जो 2017 तक चलेगा।

बहुराष्ट्रीय कंपनी कोका-कोला फुटबाल की सर्वोच्च संस्था-फीफा के प्रायोजकों में से एक है और यह 2017 यू-17 विश्व कप का एक साझेदार भी है।

कंपनी के प्रवक्ता ने आईएएनएस को बताया, “सौरव गांगुली फुटबाल में हमारे प्रयासों और फीफा अंडर-17 विश्व कप के लिए हमारी योजनाओं का नेतृत्व करेंगे।”

प्रवक्ता ने हालाकि इस बात को साफ कर दिया है कि फीफा गांगुली की नियुक्ति में शामिल नहीं है क्योंकि उनकी कंपनी ने गांगुली के साथ करार किया है।

कंपनी का इससे पहले पूर्व महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर से करार था जो पिछले साल समाप्त हो गया और अब उन्होंने सचिन की जगह सौरव गांगुली को लिया है।

सौरव गांगुली इससे पहले साल 1997 और 2000 के बीच इसी कंपनी के साथ ब्रांड एंबेसेडर के तौर पर जुड़े थे।

 

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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