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पूरे देश ने कलाम को दी भावभीनी श्रद्धांजलि, अंत्येष्टि गुरुवार को
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित समूचे देश ने पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को मंगलवार को देश का सच्चा सपूत व राष्ट्र का रत्न बताते हुए भावभानी श्रद्धांजलि दी। पूर्व राष्ट्रपति के सम्मान में दोनों सदनों की कार्यवाही दो दिनों के लिए स्थगित कर दी गई। उनकी अंत्येष्टि गुरुवार को होगी। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पालम स्थित इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे.अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि दी।
प्रधानमंत्री ने कहा, “कलाम पहले राष्ट्र के रत्न थे और बाद में राष्ट्रपति। कलाम की शख्सियत बेहद खास थी, उनकी जिंदगी हमें प्रेरणा देती है, युवाओं को प्रेरणा देती है।” ‘मिसाइल मैन’ के नाम से मशहूर कलाम का सोमवार को मेघालय की राजधानी शिलांग में निधन हो गया। वह भारतीय प्रबंधन संस्थान, शिलांग में एक व्याख्यान देते समय अचानक बेहोश होकर गिर पड़े थे, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
कलाम का पार्थिव शरीर भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के विशेष विमान से अपराह्न् 12.30 बजे दिल्ली लाया गया। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के अलावा हवाईअड्डे पर उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर भी वहां मौजूद थे। तीनों सेनाओं ने पूर्व राष्ट्रपति को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। पूर्व राष्ट्रपति के सम्मान में मंगलवार को दोनों सदनों की कार्यवाही दो दिनों के लिए स्थगित कर दी गई।
लोकसभा की बैठक मंगलवार सुबह जैसे ही शुरू हुई, अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कलाम के नाम शोक संदेश पढ़ा। उन्होंने कहा कि कलाम देश के असली रत्न थे और एक मेधावी राजनेता थे। इसके बाद सदन में उपस्थित सभी सदस्यों ने खड़े होकर कलाम के सम्मान में कुछ क्षण मौन रखा और अध्यक्ष ने दो दिनों के लिए सदन स्थगित करने की घोषणा की। राज्यसभा के सभापति मोहम्मद हामिद अंसारी ने कहा, “देश ने एक सच्चा सपूत खो दिया है। प्रौद्योगिकी पुरुष, एक शिक्षक और एक नेता के रूप में उनके योगदान के प्रति देश हमेशा कृतज्ञ रहेगा।”
पूर्व राष्ट्रपति की अंत्येष्टि उनके परिजनों की इच्छा अनुसार तमिलनाडु स्थित रामेश्वरम में उनके गृहनगर में होगी। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता शीतांशु कर ने मंगलवार को घोषणा की, “अंत्येष्टि रामेश्वरम में होगी।” कलाम के भाई के पोते एपीजेएके शेख सलीम ने फोन पर बताया, “बड़ी संख्या में रिश्तेदार, मित्र, शुभचिंतक और आम लोग रामेश्वरम स्थित कलाम के घर पर एकत्रित हुए हैं।” सलीम ने कहा कि कलाम का पार्थिव शरीर बुधवार दोपहर तक रामेश्वरम पहुंचने की संभावना है। उन्होंने कहा, “लोग शाम तक उनके पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि दे पाएंगे। इसके बाद पार्थिव शरीर को उनके घर ले जाया जाएगा। हमारी उन्हें गुरुवार को सुपुर्द-ए-खाक किए जाने की योजना है।”
कलाम का जन्म तमिल मुस्लिम परिवार में 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम में हुआ था। उनके पिता मछुआरे थे और मां गृहिणी। उनका बचपन बेहद गरीबी में बीता। वह रामेश्वरम के प्राइवेट स्कूल में पढ़ते थे और घर चलाने के लिए अखबार बांटते थे। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास से 1954 में भौतिकी में एरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। 1958 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से ग्रेजुएशन के बाद डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) पहुंचे। 1962 में इंडियन स्पेस ऑर्गनाइजेशन (इसरो) पहुंचे और फिर शुरू हुआ कलाम के कमाल का सिलसिला। 1980 में पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएलवी-3) रोहणी सैटेलाइट अतरिक्ष में सफलतापूर्वक लांच हुआ। रक्षा के क्षेत्र में कलाम ने कमाल ही कमाल किया।
‘इंटीग्रेडेट गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम’ की शुरुआत की और त्रिशूल, पृथ्वी, आकाश, नाग, अग्नि जैसी मिसाइल देश को दी वहीं रूस के साथ ब्रम्होस मिसाइल बनाई। 1998 में अब्दुल कलाम की ही देखरेख में पोखरण में दूसरा सफल परमाणु परीक्षण हुआ। वर्ष 1981 में पद्मभूषण, 1990 में पद्मविभूषण और 1997 में सबसे बड़े नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित कलाम 25 जुलाई 2002 को देश के 11वें राष्ट्रपति बने। संगीत में भी उनकी बेहद रुचि थी। वो वीणा भी बजाते थे। युवाओं के लिए जबरदस्त आदर्श और प्रेरणा के स्रोत एपीजे अब्दुल कलाम आजीवन अविवाहित रहे। वह कुरान और भगवत् गीता, दोनों को पढ़ते थे और शाकाहारी थे।
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पीएम मोदी की किसानों को सौगात, खाते में डाले 20 हजार करोड़
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने कार्यभार संभालते ही पीएम किसान निधि की 17वीं किस्त जारी कर दी है। पीएम मोदी के इस फैसले से देश के 9.3 करोड़ किसानों को फायदा होगा। उनके खाते में सीधे 20000 हजार करोड़ रु जाएंगे।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि हमारी सरकार किसान कल्याण के लिए पूरी तरह समर्पित है इसलिए यह उचित है कि कार्यभार संभालने के बाद मेरी पहली फाइल किसान कल्याण से जुड़ी हो। आगे आने वाले समय में किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए हमारी सरकार और भी ज्यादा काम करना चाहती हैं।
बता दें कि नरेंद्र मोदी तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बन चुके हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई। मोदी ऐसे दूसरे प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने तीसरी बार पीएम पद शपथ ली है। इससे पहले सिर्फ पंडित जवाहर लाल नेहरू लगातार तीन बार पीएम के रूप में देश की बागडोर संभाल चुके हैं। विदेशी मेहमानों के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने पीएम पद की शपथ ली। नेपाल, मोरिशस, भूटान, बांग्लादेश, मालदीव, श्रीलंका और सेशल्स के राष्ट्र अध्यक्ष समारोह में शामिल हुए। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’, श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के अलावा भूटान के राष्ट्राध्यक्ष ने पीएम मोदी को बधाई दी।
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