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राज्यसभा में हंगामा, कार्यवाही बाधित  

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नई दिल्ली| इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व प्रमुख ललित मोदी के साथ संबंधों को लेकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज तथा राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग को लेकर राज्यसभा में गुरुवार को भी हंगामा देखा गया, जिससे सदन की कार्यवाही बाधित हुई। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां हंगामा करने लगीं। उन्होंने सरकार की तरफ से चर्चा कराए जाने की बात को अनसुना कर दिया।

उपसभापति पी.जे.कुरियन ने कहा कि वह विपक्ष के विरोध की वजह नहीं समझ पा रहे हैं।उन्होंने कहा, “मैं इस निर्थक कदम को समझ नहीं पा रहा। क्योंकि उन्होंने सदन के अन्य कार्यो को स्थगित करने के लिए नियम 267 के अंतर्गत नोटिस दिया था। हमने अन्य कार्यो को स्थगित कर दिया, क्योंकि यह मुद्दा महत्वपूर्ण था। मैंने दोनों पक्षों को सुना और मैंने चर्चा की अनुमति दी, लेकिन चर्चा हो नहीं पाई।”

कुरियन ने कहा, “कल (बुधवार) भी यही हुआ था। सरकार चर्चा के लिए तैयार है, मैं भी चर्चा के लिए तैयार हूं। आप चर्चा चाहते थे।”उनके ऐसा कहने पर विपक्ष ने कहा कि वे चर्चा से पहले कार्रवाई यानी संबंधित मंत्री एवं मुख्यमंत्रियों का इस्तीफा चाहते हैं।

कुरियन ने कहा, “मैं आपसे सहमत हूं। आप कुछ शर्तो के साथ चर्चा चाहते हैं। लेकिन आपकी शर्तो का क्रियान्वयन हम नहीं कर सकते। अगर चर्चा नहीं हो रही है, तो फिर विरोध का आधार क्या है?”सदन के नेता अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने गुरुवार को जो नोटिस दिया है, उसमें चर्चा से पहले कार्रवाई की शर्त नहीं है।

जेटली ने कहा, “आनंद शर्मा का आज का प्रस्ताव बिना किसी शर्त के है। इसमें नहीं कहा गया है कि मंत्रियों को इस्तीफा देना होगा।”
इसके बाद मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता सीताराम येचुरी और विपक्ष के कुछ अन्य नेताओं ने पूछा कि नोटिस जेटली को किस प्रकार मिला?इस पर कुरियन ने स्पष्ट किया कि नोटिस केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री के साथ साझा की गई थी। जवाब में येचुरी ने इसे विशेषाधिकार का हनन बताया।

हालांकि, जेटली ने नियम पुस्तिका का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि प्रस्ताव पर नोटिस सभी सदस्यों को दिया जाना चाहिए।सदन में हंगामा जारी रहने पर कार्यवाही पहले दोपहर 12 बजे तक के लिए और फिर दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

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भाजपा का परिवार आरक्षण ख़त्म करना चाहता है: अखिलेश यादव

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एटा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एटा में सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के समर्थन में संविधान बचाओ रैली को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचेगा तो लोकतंत्र बचेगा और लोकतंत्र बचेगा तो वोट देने का अधिकार बचेगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि ये अग्निवीर व्यवस्था जो लेकर आए हैं इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो अग्निवीर व्यवस्था समाप्त कर पहले वाली व्यवस्था लागू करेंगे।

उन्होंने आरक्षण मामले पर आरएसएस पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के साथ एक सबसे खतरनाक परिवार है, जो आरक्षण खत्म करना चाहता है। अब उन्हें वोट चाहिए तो वह कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म नहीं होगा।

उन्होंने आगे कहा कि मैं पूछना चाहता हूं अगर सरकार की बड़ी कंपनियां बिक जाएंगी तो क्या उनमें आरक्षण होगा? उनके पास जवाब नहीं है कि नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं? लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को हटाना चाहते हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन और समाजवादी लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं। यह चुनाव आने वाली पीढ़ी के भविष्य का फैसला करेगा। वो लोग संविधान के भक्षक हैं और हम लोग रक्षक हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि एटा के लोगों को भाजपा ने बहुत धोखा दिया है। इनका हर वादा झूठा निकला। दस साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उनकी आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों का भविष्य खत्म कर दिया गया है। हर परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है।

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