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अन्तर्राष्ट्रीय

‘पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध चाहता है पाकिस्तान’

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इस्लामाबाद| पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने कहा कि उनका देश सभी पड़ोसियों और क्षेत्रीय देशों के साथ अच्छे संबंध चाहता है, ताकि दक्षिण एशिया में शांति स्थापित की जा सके। ‘रेडियो पाकिस्तान’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, आसिफ ने कहा कि भारत को बिना किसी देरी के कश्मीरी नागरिकों को उनके अधिकार दे देना चाहिए। उन्होंने भारत से अपील की कि वह दक्षिण एशिया की प्रगति और यहां के लोगों की समृद्धि के लिए इस मुख्य मुद्दे का समाधान ढूंढे।

आसिफ ने यह भी कहा कि उनकी सरकार अमेरिका के साथ भी अच्छे संबंध बनाना चाहती है, लेकिन यह आपसी सम्मान एवं समानता पर आधारित होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अमेरिका को यह समझना चाहिए कि संघ प्रशासित कबायली क्षेत्र (फाटा) में आतंकवादी गिरोहों के खिलाफ बिना किसी भेदभाव के सफलतापूर्वक सैन्य अभियान चलाया जा रहा है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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