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प्रादेशिक

मां ने सारा की मौत को बताया हत्या, सीबीआई जांच की मांग

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लखनऊ। मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में जेल में बंद उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के बेटे अमनमणि त्रिपाठी की पत्नी सारा की कार हादसे में मौत को उनकी मां सीमा सिंह ने हत्या करार दिया। अमनमणि की सास ने सोमवार को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) से मुलाकात कर मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की। सीमा सिंह ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी की मौत सड़क दुर्घटना में नहीं हुई, बल्कि उसकी हत्या की गई है। सीमा ने डीजीपी को एक पत्र भी सौंपा है, जिसमें सारा की मौत से जुड़े सवाल उठाए गए हैं।

सीमा सिंह ने पुलिस महानिदेशक जगमोहन यादव से मुलाकात के बाद इसकी जानकारी मीडियाकर्मियों को दी। उन्होंने कहा, “मुझे फिरोजाबाद में पता लगा है कि मेरी बेटी की मौत एक्सीडेंट में नहीं हुई, बल्कि चार घंटे पहले ही उसका मर्डर कर दिया गया था। इसे बाद में एक्सीडेंट दिखाने की कोशिश की गई। यह बहुत बड़ी साजिश है। मुझे भी जान का खतरा है, इसलिए सुरक्षा मुहैया कराई जाए।” सारा के परिजनों की मानें तो डीजीपी ने उन्हें पूरी मदद का भरोसा दिलाया। सीमा सिंह ने कहा कि उन्हें कानून पर पूरा भरोसा है, लेकिन मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाए।

सीमा सिंह ने कहा, “कानून सबके लिए बराबर है, अगर ऐसा नहीं होता तो अमरमणि त्रिपाठी जैसा बाहुबली नेता आज जेल में नहीं होता। मैंने बेटी खोई है। उसे इंसाफ दिलाना मेरी जिंदगी का मकसद है। अब मुझे किसी भी चीज से डर नहीं लगता।” नौ जुलाई को फिरोजाबाद में हुए एक सड़क हादसे में अमनमणि की पत्नी सारा की मौत हो जाने की खबर आई थी। उस कार में भगोड़ा घोषित अमनमणि त्रिपाठी भी पत्नी के साथ थे। सारा की मां का कहना है कि यह कोई हादसा नहीं, बल्कि साजिश है। उनके मुताबिक, उसी कार में बैठे अमनमणि को खरोंच तक नहीं आई। इसलिए मामला संदिग्ध है।

अमनमणि गोरखपुर के एक ठेकेदार ऋषि पांडेय का अपहरण कर मारपीट करने और बतौर फिरौती एक लाख रुपये मांगने के मामले में वांछित था। कार हादसे के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल ले गई। शुक्रवार को जेल में कैदियों ने उसकी पिटाई कर दी थी।

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उत्तराखंड

चारधाम यात्रा में 31 मई तक VIP दर्शन पर रोक, ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन 19 मई तक बंद

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हरिद्वार। अगर आप भी चारधाम यात्रा पर जा रहे हैं तो ये खबर आपके लिए काफी अहम है। चारधाम यात्रा में VIP दर्शन व्यवस्था पर रोक लगा दी गई है। लोग 31 मई तक VIP सिस्टम के तहत दर्शन नहीं कर पाएंगे। वहीं ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी 19 मई तक बंद रहेंगे। खराब मौसम और श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।

चार धाम यात्रा 10 मई को शुरू हुई थी। छह दिन में ही देश-विदेश के 3,34,732 श्रद्धालु इनके दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं। उत्तराखंड सरकार ने यात्रा के लिए 25 अप्रैल से चारधामों के लिए पंजीकरण शुरू किया और गुरुवार तक 27 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पंजीकरण हो गए।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पत्र जारी कर 31 मई तक वीआईपी दर्शन पर रोक लगा दी है। यह भी कहा है कि धामों में सुगम दर्शन के लिए सरकार ने श्रद्धालुओं का पंजीकरण अनिवार्य किया है। अब दर्शन उसी दिन होंगे जिस तिथि का पंजीकरण किया गया है। इससे पहले 30 अप्रैल को राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर 25 मई तक वीआईपी दर्शन की व्यवस्था पर रोके जाने का आदेश दिया था।

50 मीटर में रील्स बनाने पर प्रतिबंध

उत्तराखंड सरकार ने भीड़ प्रबंधन की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इसमें 50 मीटर के दायरे में चारों धामों के मंदिर के परिसर में रील्स बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही सोशल मीडिया लाइव आदि पर भी रोक लगा दी गई है। सरकार ने कहा है कि कुछ यात्रियों द्वारा मंदिर परिसर में वीडियो एवं रील बनायी जाती है और उन्हें देखने के लिए एक स्थान पर भीड़ एकत्रित हो जाती है जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन करने में असुविधा होती है ।

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