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किसानों की आत्महत्या मामले में यवतमाल के जिलाधिकारी तलब

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नागपुर,महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग,यवतमाल जिले,आत्महत्या,अध्यक्ष न्यायाधीश एस.आर. बानूमार्थ,बंबई उच्च न्यायायालय

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नागपुर | महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग (एसएचआरसी) ने पिछले कुछ महीनों में यवतमाल जिले में कोलम जनजातीय किसानों की आत्महत्या को लेकर जिलाधिकारी को तलब किया है। जिलाधिकारी को यह नोटिस विदर्भ जन आंदोलन समिति के अध्यक्ष किशोर तिवारी की शिकायत के बाद जारी किया गया है। इसमें तिवारी ने बताया है कि राज्य सरकार ने किस तरह जनजातीय क्षेत्रों में भोजन, आवास, पानी मुहैया कराने के वर्ष 2001 के बंबई उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना की है।

तिवारी ने बताया, “एसएचआरसी अध्यक्ष न्यायाधीश एस.आर. बानूमार्थ ने जिलाधिकारी को अगले मंगलवार (सात जुलाई) को अमरावती में अपने समक्ष पेश होने और मेरी शिकायत पर रिपोर्ट जमा करने को कहा है।” शिकायत में क्षेत्र में कोलम जनजातीय किसानों की दयनीय दशा बताई गई है। तिवारी ने अपनी शिकायत में कहा कि प्रशासन ने एक हलफनामे के जरिये बंबई उच्च न्यायायालय को सूचित किया था कि कोलम जनजातीय समुदाय के लोग खाद्य सुरक्षा के लिए अंत्योदय योजना के दायरे में आते हैं।

उन्होंने कहा, “हालांकि जमीनी हकीकत पूरी तरह से अलग है। लगभग 50 प्रतिशत कोलम जनजातीय समुदाय के लोगों को इस योजना के तहत अनाज देने से मना कर दिया गया। अनाज की आपूर्ति अनियमित बनी रही और आदिवासियों को लगातार तीन महीनों तक अनाज नहीं मिला, जबकि इसकी कालाबाजारी होती रही।”

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पुणे हिट एंड रन केस: कोर्ट ने आरोपी के पिता को 5 दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा

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पुणे। पुणे हिट एंड रन केस में पुलिस ने नाबालिग आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल को 5 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। इससे पहले मामले में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था। मामले में पुलिस ने नाबालिग आरोपी को जमानत मिलने के बाद फिर से अरेस्ट कर लिया। इतना ही नहीं पुलिस ने मामले में नई धारा भी जोड़ी है। इसके साथ ही कोर्ट ने बार के मालिक जितेश शेवनी और जयेश बोनकर को भी 5 दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा है।

बता दें कि महाराष्ट्र के पुणे में एक नाबालिग लड़के ने अपनी करोड़ों की पोर्शे कार से दो लोगों को कुचलकर मार डाला। चश्मदीदों का कहना है कि कार की स्पीड करीब 200 किलोमीटर प्रति घंटा था। इस हादसे में मारे गए लोगों की पहचान अनीस दुधिया और अश्विनी कोस्टा के तौर पर हुई थी। दोनों राजस्थान के हैं। बाद में पुलिस ने इस मामले में कार चला रहे 17 वर्षीय आरोपी को हिरासत में लेकर जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जमानत मिल गई।

पुलिस ने उस पर बालिग लोगों की तरह मुकदमा चलाने और उसे पुलिस हिरासत में भेजने की इजाजत मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने इससे इनकार करते हुए आरोपी को जमानत दे दी थे। आरोपी को कोर्ट ने 15 दिनों के लिए येरवडा की ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करने’ और ‘हादसे पर एक निबंध लिखने’ के लिए कहा। वकील प्रशांत पाटिल ने कहा कि जमानत की शर्तों में आरोपी को एक ऐसे डॉक्टर से इलाज कराने का निर्देश दिया गया है जो उसे शराब छोड़ने में मदद कर सके। इसके अलावा उसे ‘साइकेट्रिस्ट से सलाह’ लेकर उसकी रिपोर्ट अदालत में जमा करने का निर्देश दिया गया है।

चश्मदीदों का कहना है कि कार की स्पीड करीब 200 किलोमीटर प्रति घंटा था.पुलिस का दावा है कि बार में शराब पीने के बाद नशे में धुत होकर 17 साल का आरोपी पोर्शे कार को चला रहा था। उसने रविवार तड़के शहर के कल्याणी नगर इलाके में मोटरसाइकिल पर सवार दो लोगों को टक्कर मार दी थी, जिसके चलते उनकी मौत हो गई।

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