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मैं कक्षा में सबसे पीछे बैठता था : अनिल

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मुंबई,बॉलीवुड अभिनेता अनिल कपूर,प्रमुख कारपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी,पीएंडजी शिक्षा,स्वतंत्र रूप से निर्णय

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मुंबई | बॉलीवुड अभिनेता अनिल कपूर स्कूली दिनों में आखिर की सीटों पर बैठने वाले छात्र थे। वह बहुत शरारती भी थे। अनिल ने यहां प्रमुख कारपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी कार्यक्रम ‘पीएंडजी शिक्षा’ के प्रचार के दौरान कहा, “मैं पिछली सीट पर बैठने वाला विद्यार्थी था। मेरे पसंदीदा शिक्षक वह थे, जो मुझ पर कभी नहीं चिल्लाते थे और मेरी गलती पर मुझे आसानी से माफ कर देते थे।”

बॉलीवुड के ‘झकास’ अभिनेता को शिक्षा के महत्व पर पूरा यकीन है। अनिल ने कहा, “एक बच्चे की जिंदगी में शिक्षा बहुत अहम भूमिका निभाती है। यह उन्हें बड़ा होकर सफल व्यक्ति बनने में मदद करती है। मेरे तीन बच्चे हैं और माता-पिता होने के नाते हम उन्हें अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराने का महत्व समझते हैं, जो उन्हें भविष्य में स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने में उनकी मदद करे।” उन्होंने कहा कि उनके लिए स्कूल के दिन बहुत खास हैं, क्योंकि वह स्कूल में पहले दिन जिन बच्चों से मिले, वो अब भी उनके दोस्त हैं। अनिल ने कहा, “मेरे पास स्कूल से जुड़ी कुछ बेहतरीन यादें हैं। मुझे हमने स्कूल में साथ में जो मौज-मस्ती, पढ़ाई और खेलकूद किए, वो सब याद हैं।”

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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