प्रादेशिक
गुजरात में भारी बारिश, 81 की मौत
अहमदाबाद | गुजरात में पिछले चार दिनों से जारी भारी बारिश के कारण हुई विभिन्न घटनाओं में 81 लोगों की मौत हो गई। बाढ़ के कारण राज्य के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। गांधीनगर में गुजरात आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया, “अमरेली जिला सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। यहां पिछले 48 घंटे में बारिश के कारण विभिन्न घटनाओं में 33 लोगों की मौत हो गई।”
अहमदाबाद स्थित मौसम विज्ञान केंद्र ने शुक्रवार को आने वाले दिनों में मध्यम से भारी बारिश का अनुमान जताया है। अहमदाबाद मौसम विज्ञान केंद्र के एक अधिकारी ने बताया, “दक्षिण-पश्चिम मानसून पूरे गुजरात में छा गया है। मानसून पूरे गुजरात, खासकर सौराष्ट्र क्षेत्र में सक्रिय है। इस वक्त बाढ़ की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।” भावनगर जिले में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि राजकोट तथा भरूच जिलों में बारिश के कारण हुई विभिन्न घटनाओं में पांच-पांच लोगों की मौत हुई है।
गुजरात सरकार ने बारिश तथा से बाढ़ से तबाह हुए परिवारों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री नितिन पटेल ने अपने आधिकारिक ट्विटर खाते के जरिये इसकी घोषणा की। उन्होंने लिखा, “हमने बारिश तथा बाढ़ के कारण अपनों को खोने वाले परिवारों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का फैसला किया है।”
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गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक
अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।
इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।
हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।
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