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मुख्य समाचार

शाहरुख की ‘पहेली’ 10 साल की हुई

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shahrukh khan

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मुंबई। शाहरुख खान और रानी मुखर्जी अभिनीत ‘पहेली’ को रिलीज हुए एक दशक पूरा हो गया है। शाहरुख ने इसमें अतिथि भूमिका निभाने के लिए महानायक अमिताभ बच्चन का आभार जताया। ‘पहेली’ के 10 साल पूरे होने की बात अमिताभ ने भी ट्विटर पर साझा की। उन्होंने लिखा, “पहेली’ की 10वीं वर्षगांठ। शाहरुख की फिल्म में मेरी एक अतिथि भूमिका।”

वहीं, शाहरुख ने भी इसका हिस्सा बनने के लिए उनका शुक्रिया अदा किया। किंग खान ने लिखा, “सीनियर बच्चन ने अपने व्यस्ततापूर्ण शेड्यूल से वक्त निकाला और फिल्म की शूटिंग के लिए आए। मैं इसके लिए कभी आपका यथोचित शुक्रिया अदा नहीं कर पाऊंगा।” फंतासी फिल्म ‘पहेली’ का निर्देशन अमोल पालेकर ने किया है। यह अकादमी पुरस्कार की सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फिल्म श्रेणी में भारत की आधिकारिक प्रविष्टि रही है। इस फिल्म में जूही चावला, अनुपम खेर, राजपाल यादव और सुनील शेट्टी भी हैं।

नेशनल

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माता व ग्वालियर राज घराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया का निधन हो गया है। उनका इलाज पिछले दो महीनों से दिल्ली के एम्स में चल रहा था। आज सुबह 9.28 बजे उन्होंने दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली।

हाल ही में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया था कि, राजमाता माधवी राजे को सांस लेने में तकलीफ होने पर उन्हें 15 फरवरी को दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। इसी साल 6 मार्च को भी उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। उस समय भी उनकी हालत नाजुक थी और उनको लाइफ सपोर्टिंग सिस्टम पर रखा गया था।

पहली बार 15 फरवरी को माधवी राजे की तबीयत बिगड़ी थी, उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। उसके बाद से ही उनकी हालत नाजुक बनी हुई थे। वे लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थीं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कुछ समय पहले यह जानकारी शेयर की थी।

नेपाल राजघराने से माधवीराजे सिंधिया का संबंध है। उनके दादा शमशेर जंग बहादुर राणा नेपाल के प्रधानमंत्री थे। कांग्रेस के दिग्गज नेता माधवराव सिंधिया के साथ माधवी राजे के विवाह से पहले प्रिंसेस किरण राज्यलक्ष्मी देवी उनका नाम था। साल 1966 में माधवराव सिंधिया के साथ उनका विवाह हुआ था। मराठी परंपरा के मुताबिक शादी के बाद उनका नाम बदलकर माधवीराजे सिंधिया रखा गया था। पहले वे महारानी थीं, लेकिन 30 सितंबर 2001 को उनके पति और पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया के निधन के बाद से उन्हें राजमाता के नाम से संबोधित किया जाने लगा।

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