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दिल्ली सरकार ने पेश किया बजट, शिक्षा के मद में व्यय बढ़ाया
नई दिल्ली। दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने गुरुवार को 2015-16 के लिए 41,129 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। इसमें शिक्षा के लिए 9,836 करोड़ रुपये आवंटित किया गया। शिक्षा क्षेत्र को आवंटन गत कारोबारी वर्ष के मुकाबले 106 फीसदी बढ़ाया गया है।
बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र को 4,787 करोड़ रुपये और परिवहन को 5,085 करोड़ रुपये दिया गया है। बिजली और पानी सब्सिडी के लिए 1,690 करोड़ रुपये अलग किए गए हैं। यह आप का प्रमुख चुनावी वादा था। यह आप सरकार का पहला पूर्ण बजट है। इसे राज्य के वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया ने पेश किया और इसे देश का पहला ‘स्वराज बजट’ बताया।
पिछले साल दिल्ली में इस माह राष्ट्रपति शासन लागू था और केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने वर्ष 2014-15 के लिए 36,776 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था। सिसोदिया ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र का राशि आवंटन बढ़ाया जाना इस बात का संकेतक है कि आप सरकार राष्ट्रीय राजधानी में शिक्षा का स्तर बेहतर करने के प्रति गंभीर है, जबकि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने शिक्षा बजट में कटौती कर दी है और डिग्री विवाद में घिरीं स्मृति ईरानी को देश की शिक्षा की जिम्मेदारी सौंप रखी है।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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