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प्रादेशिक

उप्र : देसी शराब से 2 युवकों की मौत

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मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश, देसी शराब,अस्पताल,पोस्टमार्टम

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मुरादाबाद ।  उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जनपद में मंगलवार को दो युवकों की देसी शराब पीने से मौत हो गई। इस घटना के बाद नाराज लोग सड़क पर उतर आए और शराब की दुकान में तोड़फोड़ करते हुए आग लगा दी। मौके पर पहुंचे भारी पुलिस बल ने किसी तरह हालात को नियंत्रित किया। पुलिस के अनुसार, नागफनी के बंगला गांव निवासी मनोज व मनीष नाम के दो युवकों ने देसी शराब पी। बताया जाता है कि अधिक शराब पीने से दोनों की तबियत बिगड़ गयी। परिवार के लोग आनन-फानन में दोनों को इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंचे, जहां पहले मनोज और फिर मनीष की मौत हो गई।

दो युवकों की मौत की खबर जब गांव पहुंची तो गांव वाले भड़क उठे और सड़क पर उतर आए। इस घटना से नाराज लोगों ने शराब की दुकान पर धावा बोल दिया। लोगों ने पहले तो दुकान में जमकर तोड़फोड़ की और फिर दुकान में आग लगा दी। हंगामे की खबर पाकर मौके पर पुलिस के अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ पहुंच गए।  पुलिस ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शांत कराया। पुलिस ने मनोज व मनीष के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

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गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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