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अन्तर्राष्ट्रीय

भारत पहल करे, तो पाक वार्ता के लिए तैयार : शरीफ

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काठमांडू| पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने मंगलवार को कहा कि उनका देश भारत के साथ वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए नई दिल्ली को पहल करनी होगी। जियो न्यूज की रपट से यह जानकारी मिली। 26-27 नवंबर तक चलने वाले 18वें दक्षेस सम्मेलन में हिस्सा लेने नेपाल की राजधानी पहुंचे शरीफ ने कहा कि विदेश सचिव स्तरीय वार्ता को भारत ने ही रद्द किया था।

इससे पहले दिन में राष्ट्रीय सुरक्षा तथा विदेश मामलों के प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताज अजीज ने मोदी शरीफ के बीच द्विपक्षीय वार्ता की किसी योजना से इंकार किया था। उन्होंने हालांकि यह कहा कि यदि भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज आग्रह करती हैं, तो इस तरह की बैठक हो सकती है। भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दक्षेस सम्मेलन के मौके पर मंगलवार को अजीज से संक्षिप्त मुलाकात की थी और उनसे हाथ मिलाया था, लेकिन बाद में मीडिया को स्पष्टीकरण दिया गया कि ऐसा शिष्टाचार के तहत हुआ था। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बसीत द्वारा कश्मीर के अलगाववादी नेताओं से मुलाकात के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ 25 अगस्त, 2014 को होने वाली विदेश सचिव स्तरीय वार्ता को रद्द कर दिया था।

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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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