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अन्तर्राष्ट्रीय

ललित मोदी को खतरे से अनजान था स्कॉटलैंड यार्ड

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लंदन | लंदन के महानगर पुलिस प्रशासन स्कॉटलैंड यार्ड को ललित मोदी को किसी प्रकार के खतरे की कोई जानकारी नहीं थी। आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित भारतीय वित्त मंत्रालय के प्रवर्तन निदेशालय तथा अन्य एजेंसियों की पूछताछ से बचने के लिए भारत नहीं आना चाहते थे। रेमीडिया ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

26 नवंबर, 2010 को स्कॉटलैंड यार्ड से आरएवाई ने ललित को संभावित खतरे के बारे में पूछा। यार्ड ने जवाब दिया, “हमें ललित को खतरे के बारे में कोई जानकारी नहीं है।” अधिकारी ने गुरुवार को कहा, “हम किसी व्यक्ति की सुरक्षा और पहचान से जुड़ी चीजों पर बात नहीं करते।” हालांकि, स्कॉटलैंड यार्ड से जुड़े एक सूत्र ने बताया, “कुछ भी नहीं बदला।” यार्ड को अभी भी ललित को किसी प्रकार का खतरा होने की जानकारी नहीं है। भारतीय जांच एजेंसियों की तरफ से मिले नोटिस पर ललित ने दावा किया कि स्वदेश लौटने पर उनकी जान को खतरा हो सकता है। लेकिन ऐसा लगता है कि उन्होंने यार्ड को इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।

ललित मोदी मामले में पिछले रविवार से भारत में उस वक्त विवाद शुरू हो गया, जब विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का नाम उन्हें ब्रिटेन सरकार से यात्रा दस्तावेज दिलवाने में मदद करने के रूप मे सामने आया है। इससे पहले, कांग्रेस नीत भारत सरकार ने उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया था। भारत सरकार ने अपने ब्रिटिश समकक्ष से उन्हें स्वदेश भेजे जाने की मांग की थी, जहां उन्हें आर्थिक अनियमितता तथा आपराधिक मामले में 15 कारण बताओ नोटिस भेजे गए हैं। मोदी फिलहाल मोंटेनेग्रो में छुट्टियां बिता रहे हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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