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लाइक करें अथवा नहीं, आपकी पसंद जानता है फेसबुक
न्यूयॉर्क। हम सभी इस बात से भलीभांति अवगत हैं कि हमारे फेसबुक फीड में वही सामग्री प्रदर्शित होती है जिस प्रकार की सामग्री को हम लाइक करते हैं, अथवा कमेंट और शेयर करते हैं। इसे हम अनुनाद प्रभाव (इको इफेक्ट) कहते हैं। यह भी सही है कि फेसबुक पर दिखने वाले फीड में से हम हर एक पोस्ट को लाइक अथवा शेयर नहीं करते भले ही वह हमें पसंद हो।
भले ही आप फेसबुक पर कोई एक्टिविटी न करें बावजूद इसके फेसबुक को अब इस बात की जानकारी रहेगी कि आप के फीड में दिखने वाली सामग्री आपके लिए रुचिकर है अथवा नहीं। ‘टेंक क्रंच’ की रपट के मुताबिक फेसबुक अपनी प्रणाली में सुधार कर रहा है, जिससे उसे यह पता चल सकेगा कि आप अपने फीड में मौजूद किसी पोस्ट पर कितना समय व्यतीत कर रहे हैं, फिर चाहे आप किसी पोस्ट को लाइक, शेयर और कमेंट करें अथवा न करें।
आप जैसे ही किसी पोस्ट पर एक पल के लिए भी रुकते हैं, फेसबुक का टाइमर परोक्ष रूप से शुरू हो जाता है। अगर आप किसी पोस्ट पर तस्वीर देखने, कमेंट पढ़ने से अधिक समय व्यतीत करते हैं तो फेसबुक इसे संकेत (आपकी पसंदीदा सामग्री) समझेगा। इस परिवर्तन से फेसबुक आपकी एक्टिविटी के बिना ही आपकी रुचि के बारे में जान लेगी। फेसबुक ने कहा कि वह आने वाले सप्ताहों में एल्गोरिदम परिवर्तन शुरू करेंगे। हालांकि अपने न्यूज फीड में किसी व्यापक परिवर्तन की उम्मीद न करें, कम से कम हालिया समय में। इसको प्रभावी होने में कुछ समय लगेगा।
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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।
इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड
सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।
जनवरी में होगी अगली बैठक
जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।
वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।
फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम
विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।
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