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प्रादेशिक

केरल में रविवार से मछली पकड़ने पर रोक

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kerala fishing

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तिरुवनंतपुरम। केरल में रविवार आधी रात से समुद्र में 47 दिनों के लिए मछली पकड़ने (ट्रॉलिंग) पर रोक लगा दी गई है। यह कदम प्रजनन काल के दौरान मछलियों की रक्षा करने के लिए उठाया गया है। केंद्र सरकार ने एक जून से ही हालांकि पूरे देश में 61 दिनों के लिए मछली पकड़ने पर रोक लगा दी है, लेकिन केरल को यह रोक 14 जून से लगाने की अनुमति दे दी गई।

विशेषज्ञों के मुताबिक, इस रोक से केरल में मछली 30 फीसदी महंगी हो सकती है, जहां मछली एक प्रमुख भोज्य पदार्थ है। राज्य के मत्स्य मंत्री के. बाबू ने कहा कि इस तरह से एक निश्चित समय के लिए मछली पकड़ने पर रोक लगाने का काम 1988 से ही चल रहा है। उन्होंने कहा, “यह कदम संरक्षण के मकसद से उठाया गया है, क्योंकि यह विभिन्न प्रजातियों की मछलियों के लिए प्रजनन का काल होता है।” केरल में मछुआरों के 222 गांव हैं, जिनमें मछुआरों के 1,20,486 परिवार हैं और मछुआरों की कुल आबादी 6,02,234 है।

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नेशनल

पुणे पोर्श कार केस : आरोपी की मां गिरफ्तार, बेटे के बदले अपना ब्लड सैंपल देने का है आरोप

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पुणे। पुणे पोर्श कार केस में नाबालिग आरोपी की मां को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने इसकी जानकारी दी है। नाबालिग आरोपी की मां पर अपने बेटे का ब्लड सैंपल बदलने के लिए अपना ब्लड सैंपल देने का आरोप है। पुलिस ने कोर्ट में कहा कि नाबालिग आरोपी का ब्लड सैंपल उसकी मां ने अपने ब्लज सैंपल से बदल दिया था, ताकि यह दिखाया जा सके कि घटना के वक्त वह नशे में नहीं था। साथ ही कुछ दिन पहले ही आरोपी की मां का एक वीडियो वायरल हुआ था। जहां उन्होंने पुलिस से अनुरोध किया था कि वो उसके बेटे की रक्षा करे। आरोपी की मां ने वीडियो में कहा था कि जो वीडियो वायरल हो रहा है वो उसके बेटे का नहीं है बल्कि किसी और का है।

बता दें कि पुणे के कल्याणी नगर में 19 मई को ‘पोर्श’ कार के 17 वर्षीय चालक ने मोटरसाइकिल सवार दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को टक्कर मार दी थी। इस हादसे में दोनों की मौत हो गई थी। पुलिस ने दावा किया कि आरोपी नशे की हालत में कार चला रहा था। मामले के 17 वर्षीय आरोपी को एक सुधार गृह में भेज दिया गया, जबकि उसके पिता एवं रियल एस्टेट कारोबारी विशाल अग्रवाल और दादा सुरेंद्र अग्रवाल को परिवार के वाहन चालक का कथित तौर पर अपहरण करने और उस पर हादसे की जिम्मेदारी लेने का दबाव बनाने के लिए गिरफ्तार किया गया है।

इससे पहले न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ए ए पांडे की अदालत ने दो डॉक्टरों, डॉ. श्रीहरि हरनोर और डॉ. अजय तवारे के साथ-साथ अस्पताल के एक कर्मचारी अतुल घाटकांबले को 30 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया था। ससून जनरल अस्पताल के दो डॉक्टरों और एक कर्मचारी को किशोर के ब्लड सैंपल में हेरफेर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था ताकि यह दिखाया जा सके कि दुर्घटना के समय वह नशे में नहीं था। अभियोजन पक्ष ने कहा कि किशोर के पिता ने डॉक्टरों में से एक को बुलाया था और उसे नमूने बदलने के लिए कहा था, साथ ही पुलिस यह जांच करना चाहती थी कि नमूनों में हेरफेर करने के निर्देश किसने दिए थे।

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