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अन्तर्राष्ट्रीय

दक्षिण कोरिया में मर्स के मामले बढ़कर 122 हुए

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सियोल| दक्षिण कोरिया में मिडल ईस्ट रेस्परटोरी सिंड्रोम (मर्स) के गुरुवार को 14 नए मामले सामने आए, जिसके बाद इस बीमारी से पीड़ितों की संख्या बढ़कर 122 हो गई है। हालांकि इस बीमारी से कोई नई मौत नहीं हुई है और इसलिए इससे मरने वालों की संख्या अब भी नौ बनी हुई है। यहां मर्स का पहला मामला 20 मई को प्रकाश में आया था। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, मर्स के जो 14 नए मामले सामने आए हैं, उनमें से एक 39 वर्षीया गर्भवती महिला है। उसकी हालत फिलहाल स्थिर बनी हुई है।

दक्षिण कोरिया के स्वास्थ्य एवं कल्याण मंत्रालय से जारी बयान में कहा गया है कि ताजा मामलों में से आठ सियोल स्थित सैमसंग मेडिकल सेंटर में सामने आए हैं, जहां इसके पीड़ितों की संख्या बढ़कर 55 हो गई है।

संक्रमण का एक अन्य मामला ग्योंगी प्रांत के ह्वासियोंग स्थित हैलिम यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर से सामने आया, जहां पीड़ितों की संख्या बढ़कर चार हो गई है।

मंत्रालय हालांकि यह पता लगाने में नाकाम रहा है कि संक्रमण के पांच अन्य मामले कहां से सामने आए हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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