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दिल्ली में भी मैगी पर लग सकता है बैन
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने कहा है कि मैगी नूडल्स के नमूनों की जांच में पाया गया है कि उसमें लेड की मात्रा निर्धारित सीमा से अधिक है और इसीलिए इसका सेवन खतरनाक है। सरकार ने कहा कि वह अब मैगी की स्वामित्व कंपनी नेस्ले के खिलाफ मामला दर्ज करने की तैयारी कर रही है। दिल्ली सरकार मैगी पर पाबंदी भी लगा सकती है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेन्द्र जैन ने बुधवार को नेस्ले के अधिकारियों को इस मुद्दे पर बुलाया है।
सरकार ने एक बयान में कहा कि पिछले सप्ताह मैगी में लेड की मात्रा की जांच के लिए कुल 13 नमूने इकट्ठे किए गए थे, जिसमें पता चला है कि मैगी के 10 मसालों में निर्धारित मात्रा से अधिक लेड है। लेड की निर्धारित सीमा 2.4 पीपीएम है। सरकार ने कहा कि मसालों के पांच नमूनों में मोनोसोडियम ग्लूमेट मिला है, जिसकी उचित लेबल के साथ जानकारी भी नहीं दी गई थी। यह गलत तरीके से प्रचार की श्रेणी के अंतर्गत आता है। इससे पहले मंगलवार को एक बयान में नेस्ले ने कहा कि कंपनी लेड के लिए नियमित रूप से अपने कच्चे माल की जांच करती रहती है। इनका मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला में परीक्षण भी होता है, जो कि निर्धारित सीमा के भीतर मिलाया जाता है और उसकी जानकारी मैगी के पैकेट पर भी दी जाती है।
सरकार ने बयान में जानकारी देते हुए कहा, “सरकार ने कंपनी के खिलाफ असुरक्षित उत्पादों को बेचने और उत्पाद का गलत तरीके से प्रचार करने के मामलों में मामला दर्ज कराने का फैसला लिया है।” दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि मैगी के 13 नमूनों में से 10 नमूनों में लेड निर्धारित सीमा से अधिक मात्रा में मिला है। इस स्थिति में सरकार ने नेस्ले इंडिया के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया है। बुधवार को दिल्ली सरकार इसे बाजार से हटाने का निर्देश दे सकती है। इसके तहत मैगी पर प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई भी हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि केरल ने मैगी नूडल्स की बिक्री पर पूरे राज्य में प्रतिबंध लगा दिया है। केरल सरकार ने नेस्ले को बाजार में मौजूद सारा स्टाक हटाने को कहा है। वहीं पश्चिम बंगाल और कर्नाटक की सरकारें भी अपने यहां मैगी पर कार्रवाई की तैयारी में हैं।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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