अन्तर्राष्ट्रीय
गर्भाशय कैंसर की जल्द पहचान संभव
वाशिंगटन| वैज्ञानिकों ने ऐसे जेनेटिक मटेरियल की खोज की है, जो कैंसर की कोशिकाओं की पहचान कर उन्हें सामान्य कोशिकाओं से अलग कर सकता है। इस खोज के साथ ही गर्भाशय कैंसर की पहचान प्रारंभिक अवस्था में हो पाने के रास्ते खुल गए हैं। इन जेनेटिक मटेरियल में छह एमआरएनए आईसोफार्म्स शामिल हैं, जो गर्भाशय कैंसर की कोशिकाओं से निर्मित होते हैं, लेकिन सामान्य कोशिकाओं को गर्भाशय कैंसर की प्रारंभिक अवस्था की पहचान में उपयोग नहीं किया जा सकता।
गर्भाशय कैंसर की पहचान और इलाज काफी मुश्किल है, जिस कारण इसे खतरनाक जानलेवा बीमारी माना जाता है।
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, सेन डिएगो स्कूल ऑफ मेडिसीन एवं मूरेस कैंसर सेंटर के शोधकर्ता वैज्ञानिक क्रिश्चियन बेरेट ने कहा, “हमें इसकी प्रेरणा कई अध्ययनों से मिली जो कैंसर की पहचान के लिए डीएनए के इस्तेमाल को लेकर किए गए थे।”
वैज्ञानिकों ने छह एमआरएनए आईसोफार्म मोलेक्यूल्स की खोज की, जिनमें ट्यूमर के लक्षण होते हैं और जिनसे गर्भाशय कैंसर की पहचान होती है।
शोधकर्ताओं ने अध्ययन के लिए 296 गर्भाशय कैंसरों से एकत्र किए गए एमआरएनए के अनुक्रम आंकड़ों एवं 1,839 सामान्य उत्तकों का विश्लेषण किया।
यह अध्ययन ‘प्रोसीडिंग ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज’ में प्रकाशित हुआ है।
अन्तर्राष्ट्रीय
गहरी नींद में थे लोग, तभी भूस्खलन से गांव पर आ गिरा पहाड़ का मलबा, 100 से ज्यादा की हुई मौत
नई दिल्ली। पापुआ न्यू गिनी में शुक्रवार को हुए भूस्खलन में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। एबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, भूस्खलन की घटना कथित तौर पर दक्षिण प्रशांत द्वीपीय देश की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में एंगा प्रांत के काओकलाम गांव में घटी। यह हादसा स्थानीय समय के अनुसार तड़के 3 बजे करीब हुआ। इलाके के निवासियों का कहना है कि मृतकों की संख्या 100 से अधिक भी हो सकती है।
यह प्राकृतिक आपदा तब हुई, जब पूरा गांव अलसुबह करीब 3 बजे गहरी नींद में था और पहाड़ का मलबा गांव पर आ गिरा।ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (ABC) की रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि शुक्रवार तड़के पापुआ न्यू गिनी के एक सुदूर गांव में हुए भूस्खलन में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। यह इलाका पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किमी उत्तर-पश्चिम में स्थित एंगा प्रांत के काओकालम गांव में हुई है।
स्थानीय लोगों के हवाले से एबीसी ने जानकारी दी है कि इस प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। हालांकि अधिकारियों ने अभी तक मौत के आधिकारिक आँकड़ों की जानकारी नहीं दी है। सोशल मीडिया पर भी इस खौफनाक हादसे के कई वीडियो सामने आए हैं, जिससे बड़ी-बड़ी चट्टानों, पेड़ों और मलबे के नीचे से ग्रामीणों की लाशों को निकालते हुए दिखाया जा रहा है।
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