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अन्तर्राष्ट्रीय

‘आईएस के खिलाफ लड़ाई के लिहाज से अमेरिका संवेदनशील’

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वाशिंगटन। अमेरिकी सीनेट के सदस्य रॉन जॉनसन का कहना है कि आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के खिलाफ लड़ाई की दृष्टि से अमेरिका बेहद संवेदनशील है। ‘सीएनएन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, विस्कॉन्सिन के रिपब्लिकन सीनेटर रॉन ने एक सप्ताह पहले टेक्सास में एक कार्टून प्रतियोगिता के विरोध में आईएस से प्रेरित हमले का जिक्र करते हुए रविवार को कहा कि इसके जरिये आतंकवादी संगठन ने ‘जीत का संदेश’ दिया है।

सीनेट की होमलैंड सिक्योरिटी और सरकारी मामलों की समिति के अध्यक्ष रॉन ने कहा कि आईएस को हराने की अमेरिका की सबसे बेहतरीन रणनीति इराक तथा सीरिया में उसे हराना होगा, ताकि लोगों तक यह संदेश भेजा जा सके कि यह जीतने वाला संगठन नहीं है, बल्कि हारने वाला संगठन है। रॉन ने हालांकि यह स्वीकार किया कि आईएस से सहानुभूति रखने वाले भी एक चुनौती हैं। चूंकि इस आतंकवादी संगठन ने संभावित भर्ती के लिए सोशल मीडिया पर अपनी बात रखी है, ऐसे में सुरक्षा अधिकारी हर संभावित संदिग्ध को नहीं पकड़ सकती।

उन्होंने मार्च में प्रकाशित आंकड़े का उल्लेख किया, जिसके मुताबिक, आईएस को समर्थन देने वाले 46,000 ट्विटर खाते हैं। वहीं, आईएस का सामना करने के लिए बने वैश्विक गठबंधन में अमेरिकी राजदूत ब्रेट मैक्गर्क के अनुसार, 22,000 विदेशी नागरिक इराक और सीरिया में आतंकवादी संगठन से जुड़े हैं। इनमें से 3,700 पश्चिमी देशों से हैं। करीब 180 अमेरिकियों ने भी आईएस से जुड़ने की इच्छा जताई है, जिनमें से 15 के खिलाफ अमेरिकी न्याय मंत्रालय ने आईएस को समर्थन देने का आरोप लगाया है।

अन्तर्राष्ट्रीय

इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक पीएम मोदी ने जताया शोक, कहा- दुःख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक जताया है। इब्राहिम रईसी की रविवार को को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डॉ. सैयद इब्राहिम रायसी के निधन से मुझे गहरा दुख और सदमा लगा है। भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार और ईरान के लोगों के प्रति मेरी संवेदना है। दुख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है।

बता दें कि अजरबैजान के घने और पहाड़ी इलाके में रविवार को राष्ट्रपति का विमान क्रैश हो गया था। इसके बाद ईरान की सेना ने हेलीकॉप्टर की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, जिसमें विमान का मलबा मिल गया। हालांकि, दुर्घटनास्थल पर जीवन के कोई संकेत नहीं मिले हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद राष्ट्रपति रईसी के जीवित होने की उम्मीदें न के बराबर हैं।

बता दें कि अजरबैजान के जंगल में खराब मौसम की वजह से इब्राहिम रईसी के विमान की आपात लैंडिंग कराई गई थी, जिससे हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद ईरान की जांच एजेंसियों को विमान का मलबा मिला। इसके बाद ईरानी मीडिया ने हेलीकॉप्टर हादसे में राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की मौत की पुष्टि की। ईरानी रेड क्रिसेंट प्रमुख ने बताया कि बचाव टीमें दुर्घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं। इस हादसे में विमान का पूरा केबिन जलकर राख हो गया, जिसमें किसी के जिंदा होने के निशान नहीं मिले हैं। इस बीच ईरानी न्यूज एजेंसी ने बताया कि हादसे में किसी के बचने की कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि राष्ट्रपति का चॉपर पूरी तरह से तबाह हो गया।

ईरान के प्रेस टीवी के अनुसार, रेस्क्यू दल ने ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर का पता लगा लिया है। दुर्घटनास्थल पर किसी भी जीवित व्यक्ति का कोई सुराग नहीं मिला है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पूर्वी अजरबैजान के दौरे गए थे। वे अपने विमान से राजधानी तेहरान लौट रहे थे, तभी उत्तर-पश्चिम में अजरबैजान देश की सीमा से सटे जुल्फा शहर के पास हादसा हो गया। उनके साथ हेलीकॉप्टर में विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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