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प्रादेशिक

लखनऊ में बनेंगे 10 हजार मकान

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लखनऊ,उत्तर प्रदेश सरकार,मुख्यमंत्री अखिलेश यादव,समाजवादी आवास योजना,गुणवत्तापरक

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लखनऊ | उत्तर प्रदेश सरकार शहरी गरीबों को सस्ता और किफायती घर मुहैया कराएगी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को समाजवादी आवास योजना की आधारशिला रखी। इस योजना के पहले चरण में गोमती नगर में अफोर्डेबेल हाउसिंग पॉलिसी के तहत 10 हजार आवास तैयार किए जाएंगे। अखिलेश ने कहा कि ये घर पूरी तरह भूकंप-रोधी होंगे। समाजवादी आवास योजना से शहरी गरीबों के घर का सपना पूरा होगा। प्रदेश में 30 हजार आवास बनाए जाएंगे। इनमें से सिर्फ लखनऊ में 10 हजार आवास बनेंगे।

उन्होंने कहा कि ये आवास गरीबों की आय के हिसाब से थोड़े महंगे जरूर हैं, लेकिन खरीदने के लिए वे होम लोन ले सकते हैं। अखिलेश ने कार्यक्रम के दौरान अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने कहा कि आगरा एक्सप्रेसवे अंतर्राष्ट्रीय स्तर का होगा। आने वाले समय में पुलिस तुरंत मौके पर पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि मेट्रो से शहरों का विकास होगा। विरोधी समाजवादी एंबुलेंस का नाम बदलना चाहते थे, लेकिन सपा ने वादों को पूरा करके दिखाया है।

गौरतलब है कि शहरी गरीबों को किफायती घर मुहैया कराने के लिए प्रदेश सरकार समाजवादी आवास योजना ला रही है। इसके तहत 31 मार्च 2016 तक एक लाख समाजवादी आवास बनाए जाने हैं, जिसके पहले चरण में 10 हजार आवासों का निर्माण किया जाएगा। योजना के तहत प्रदेश में आर्थिक रूप से कमजोर और कम आय वर्ग के परिवारों को सस्ते और गुणवत्तापरक आवास उपलब्ध कराए जाएंगे। इनमें 15 से 22 लाख रुपय तक की लागत के मकान उपलब्ध होंगे।

प्रादेशिक

गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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