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प्रादेशिक

नेपाल भूकंप : अब तक 5,496 जानें गईं

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काठमांडू। नेपाल में शनिवार को आए विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या गुरुवार को 5,496 हो गई है। यह जानकारी पुलिस ने दी। पुलिस मुख्यालय के अनुसार, भूकंप में घायल हुए 10,400 लोगों का देश के अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है।

नेपाल के मध्य क्षेत्र में 3,548 लोगों की जानें गई हैं, जबकि काठमांडू घाटी में 1,521 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। अधिकारियों ने बताया कि राहत टीम अभी भी भूकंप प्रभावित दूरवर्ती इलाकों में लोगों की तलाश रही है, लिहाजा मौत का आंकड़े बढ़ने के आसार हैं। अभी भी सैकड़ों लोग लापता हैं। प्रधानमंत्री सुशील कोईराला ने शनिवार को 10,000 लोगों के मारे जाने की आशंका व्यक्त की थी।

नेशनल इमर्जेसी ऑपरेशन सेंटर ने बताया कि सिंधुपालचौक सबसे अधिक प्रभावित जिला है, जहां 1,587 लोग मारे गए हैं। मंत्री ने बताया कि 1,34,864 मकान नष्ट हो गए हैं और 92,971 क्षतिग्रस्त हुए हैं। भारत, श्रीलंका, चीन, तुर्की, नीदरलैंड्स, पोलैंड, जर्मनी, फ्रांस, इजरायल, मलेशिया और जापान की राहत टीमें काठमांडू घाटी के विभिन्न स्थानों में भेजी गई हैं।

ब्रिटेन की राहत टीम सिंधुपालचौक जिले में तैनात है, जबकि नौ विदेशी मेडिकल टीम विभिन्न प्रभावित इलाकों में काम कर रही हैं।
नेपाल में शनिवार से अब तक 100 से ज्यादा आफ्टरशॉक महसूस किए गए हैं, जिस कारण हजारों लोग काठमांडू छोड़ चुके हैं, तो कई अपने घरों से बाहर रह रहे हैं। नेपाल में गुरुवार सुबह तक रिक्टर पैमाने पर चार तीव्रता वाले 110 आफ्टरशॉक महसूस किए गए हैं।

लोगों का राजधानी काठमांडू छोड़ कर जाने का सिलसिला जारी है और हजारों लोग डर के कारण घर से बाहर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी के मुताबिक, पांच लाख घर पूरी तरह या फिर आंशिक रूप से प्रभावित हुए हैं। लोग अपने घरों में वापस जाने से डर रहे हैं, जिनमें दरारें पड़ गई हैं।

उन्हें इस बात की चिंता है कि हल्का भूकंप आने पर भी उनके घर ढह सकते हैं। जनजीवन अभी सामान्य नहीं हुआ है। दुकानें नहीं खुली हैं, स्कूल बंद हैं, सरकारी तथा निजी दफ्तरों में काम बंद है। सबसे ताजा आफ्टरशॉक गुरुवार सुबह 6.22 बजे दर्ज किया गया, जिसकी तीव्रता 4.7 और केंद्र लामजुंग जिला था।

भूकंप विज्ञानी दिल्लीराम तिवारी ने कहा कि छह तीव्रता वाला भूकंप उतना खतरनाक नहीं है। उन्होंने बताया, “इस तरह के झटके बड़े भूकंप के बाद महसूस किए जा सकते हैं, इसलिए लोगों को घबराना नहीं चाहिए।” नेशनल सिस्मोलोजी सेंटर के लोकबिजया अधिकारी ने बताया कि बड़े भूकंप आने के एक सप्ताह बाद छोटे झटके महसूस किए जा सकते हैं।

उत्तर प्रदेश

मोहिनी दुबे हत्याकांड: IAS के ड्राइवर ने भाई और साथी के साथ मिलकर दिया था वारदात को अंजाम, मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के इंदिरा नगर इलाके में रिटायर्ड आईएएस देवेंद्र नाथ दुबे की पत्नी की हत्या के आरोपी तीनों बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसी के साथ पुलिस ने उनके पास से लूटा गया जेवर और नगदी भी बरामद कर ली है। इस पूरी वारदात को देवेंद्र नाथ के ड्राइवर अखिलेश, उसके भाई रवि और एक साथी रंजीत ने अंजाम दिया था।

मंगलवार को पुलिस मोहिनी दुबे हत्याकांड के आरोपियों को पकड़ने गई थी। तभी आरोपियों ने पुलिस के ऊपर फायरिंग कर दी।
जवाबी फायरिंग में एक बदमाश के पैर में गोली लगी है। लखनऊ की इंदिरा नगर क्राइम ब्रांच और पुलिस टीम मुठभेड़ में शामिल हुई थी। तीनों आरोपियों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। मुठभेड़ के दौरान बड़ी संख्या में पुलिसबल और सादी वर्दी में पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद रहे। वारदात को रवि व रंजीत ने अंजाम दिया था जबकि अखिलेश देवेंद्रनाथ दुबे को लेकर वापस लौटा था। पुलिस टीम अब से कुछ ही देर में प्रेस कांफ्रेंस कर मामले का खुलासा करेगी। हत्यारे वारदात के बाद दोनों नीले रंग की स्कूटी से भागते हुए सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गए थे।

बता दें कि इंदिरानगर सेक्टर 20 में शनिवार सुबह सेवानिवृत आईएएस देवेंद्र दुबे के घर में घुसकर बदमाशों ने उनकी पत्नी मोहिनी की हत्या कर दी थी। इसके बाद अलमारी में रखे जेवरात और नकदी लूट ले गए थे। मामले में पुलिस को पहले भी ड्राइवरों पर ही शक था। कई पुख्ता सुबूत इस ओर इशारा कर रहे थे। दोनों चालकों रवि और अखिलेश से सोमवार को पुलिस ने लंबी पूछताछ की थी। दोनों के अलावा और भी कई लोगों से पुलिस ने पूछताछ की थी। सीसीटीवी फुटेज से पता चला था कि बदमाश नीले रंग की स्कूटी से आए थे और उसी से भागे थे। हत्यारों ने अपने परिचित की स्कूटी का इस्तेमाल किया। नंबर प्लेट निकाल दी थी। स्कूटी पुलिस ने बरामद कर ली थी। वहीं, सीसीटीवी से हत्यारों की पहचान भी हो गई थी।

 

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