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अन्तर्राष्ट्रीय

संयुक्त राष्ट्र : रिपोर्ट लीक करने पर सहायता कर्मी निलंबित

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United nations

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संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र के एक सहायती कर्मी को बाल-उत्पीड़न संबंधित गोपनीय रिपोर्ट लीक करने के मामले में निलंबित कर दिया गया है। यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता ने बुधवार को बयान जारी कर दी।

संयुक्त राष्ट्र ने बांगुई स्थित अपने मानवाधिकार कार्यालय के जरिए 2014 में फ्रांसीसी सैन्य कर्मियों पर बाल-उत्पीड़न के लगे आरोपों की जांच करवाई थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रांसीसी जवानों ने बांगुई में आंतरिक रूप से विस्थापित हुए लोगों के शिविर में लड़कों का यौन उत्पीड़न किया था। बयान के मुताबिक, “एक कर्मचारी ने रिपोर्ट के गैर-संपादित संस्करण को जुलाई 2014 में फ्रांसीसी कार्यालय कर्मचारी को अनाधिकृत रूप से मुहैया कराया था, उसने यह रिपोर्ट मानवाधिकार उच्चायुक्त के कार्यालय से पहले उन्हें उपलब्ध कराया था।”

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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