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अन्तर्राष्ट्रीय

एआईआईबी से जुड़ सकता है जापान

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टोक्यो| जापान सरकार, चीन के नेतृत्व वाले एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (एआईआईबी) में उसके वास्तविक संचालन को देखने के बाद जुड़ने के बारे में फैसला कर सकती है। एनएचके वर्ल्ड के मुताबिक, जापान के वित्त मंत्री तारो असो का कथित तौर पर मानना है कि एआईआईबी के वास्तविक संचालन के तौर-तरीकों को देख लेने के बाद ही जापान सरकार को उसमें जुड़ने पर विचार करना चाहिए।

रपट के मुताबिक, असो ने गत सप्ताह वाशिंगटन में जी-20 मंत्रीस्तरीय सम्मेलन से अलग जर्मनी के वित्त मंत्री वोल्फगैंग स्कॉबल के साथ एआईआईबी पर चर्चा की थी।

सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, स्कॉबल ने असो से कहा था कि जापान सहित जी-7 देशों को एआईआईबी के मामले में एक मत होकर काम करना चाहिए। अधिकारियों के मुताबिक असो ने कहा कि एआईआईबी का प्रबंधन देख लेने के बाद ही जापान उससे जुड़ने के बारे में विचार करना चाहता है।

चीन जून के आखिर तक बैंक से संबंधित समझौता पूरा कर लेना चाहता है।

कथित तौर पर असो ने कहा कि जून की समय सीमा की उन्हें परवाह नहीं है।

इस महीने के प्रारंभ में जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे से एआईआईबी से जुड़ने का आग्रह किया था।

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी बुधवार को जकार्ता में एक सम्मेलन के दौरान आबे के साथ हुई एक मुलाकात में जापान से बैंक से जुड़ने का आग्रह किया था। उस समय आबे ने बैंक के प्रबंधन पर संदेह जताया था और इस मुद्दे पर चीन से बात-चीत आगे बढ़ाने का आग्रह किया था।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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