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देश के कई राज्यों में फिर महसूस हुए भूकम्प के तेज झटके

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नई दिल्ली। देश के कई राज्यों में रविवार दोपहर फिर भूकम्प के तेज झटके महसूस किए गए। यूपी, दिल्ली, एनसीआर, बिहार, असम, मध्य प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में ये झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता 6.9 मापी गई। भूकम्प के यह झटके करीब 12 बजकर 39 मिनट पर आए। ये झटके अगले कई मिनटों तक महसूस किए जाते रहे।

भूकम्प का केंद्र नेपाल राजधानी काठमांडू से 80 किलोमीटर दूर कोडारी में था। भारत मौसम विज्ञान विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि भूकंप के इस ताजा झटके का केंद्र भी नेपाल ही है, जहां शनिवार को आए तेज भूकंप में करीब 1900 लोगों की मौत हुई है। नेपाल में भी ये तीव्र झटके महसूस किए गए। जलजला महसूस होते ही लोग एक बार फिर घरों से बाहर निकल आए।

देश की राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में रविवार अपराह्न् दोबारा भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसके चलते दिल्ली मेट्रो ने दो मिनट के लिए सेवाएं रोक दी। एक अधिकारी ने बताया कि भूकंप के ताजे झटके अपराह्न् करीब 12.45 बजे महसूस किए गए। इसलिए मेट्रो रेलगाड़ियां दो मिनट के लिए रोक दी गईं। फिलहाल रेलगाड़ियां एकदम ठीक चल रही हैं। मेट्रो रेलगाड़ियां शनिवार को भी भूकंप की वजह से दो बार रोकी गई थीं।

उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। बुंदेलखंड के सभी सात जनपदों -बांदा, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर, जालौन, झांसी व ललितपुर- के अलावा फतेहपुर जिले में भी रविवार दोपहर 12:43 बजे भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए।

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित राज्य के कई स्थानों पर भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। इन झटकों से जान-माल के नुकसान की फिलहाल कोई खबर नहीं है, मगर लोगों में दशहत बरकरार है। मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, रविवार को चार बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का असर भोपाल, जबलपुर, सागर आदि स्थानों पर भी महसूस किया गया। राजधानी भोपाल में कई बाजारों में खरीदारी कर रहे लोगों ने भूकंप के झटकेमहसूस किए। पांच नंबर बस स्टाप के रविशंकर शुक्ल बाजार में तो अफरा-तफरी मच गई। कई महिलाओं ने घरों में भूकंप के झटके साफ तौर पर महसूस किए। कमरों की छत पर लगे पंखे और रसोईघर में रखे बर्तन हिलने लगे। राज्य में शनिवार को भी लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए थे, लिहाजा रविवार को उन्हें झटके महसूस करने में ज्यादा भ्रम नहीं हुआ। राज्य में कहीं से भी जन-धन हानि की सूचना नहीं है। लेकिन लोग भयभीत हैं।

कोलकाता और पश्चिम बंगाल के अन्य हिस्सों में भूकंप के ताजा झटकों के बाद सुरक्षा के लिहाज से कोलकाता मेट्रो रेल सेवाएं बाधित हो गईं। मेट्रो रेल के एक प्रवक्ता ने कहा कि एहतियात के तौर पर अपराह्न् 12.42 बजे मेट्रो रेल सेवा रोक दी गई। उन्होंने कहा, “हम जल्द ही सेवाएं बहाल करने से पहले सभी सुरक्षा कदमों की जांच करेंगे।” क्षेत्रीय मौसम विभाग केंद्र के प्रवक्ता ने यहां कहा कि दोपहर 12.40 बजे भूकंप का झटका महसूस किया गया। कोलकाता में रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 6.9 दर्ज की गई। भूकंप के बाद जल्द ही शॉपिंग मॉल को खाली करा लिया गया। कोलकाता के दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी कस्बे में भी इन झटकों को महसूस किया गया। जलपाईगुड़ी जिले से मिली खबरों के मुताबिक, भूकंप का पता चलते ही लोग बहुमंजिली इमारतों और शॉपिंग मॉल से बाहर निकल गए।

श्रीनगर में भी रविवार को कम तीव्रता वाले भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि, इससे अभी तक किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं मिली है। स्थानीय मौसम विभाग के निदेशक सोनम लोटस ने बताया कि रविवार सुबह 10.28 बजे हमारे भूकंप सूचक यंत्र पर 4.5 तीव्रता वाले भूकंप के झटके दर्ज हुए। उन्होंने कहा, “भूकंप के कम तीव्रता के ये झटके उत्तर में 28.7 डिग्री अंक्षाश और पूर्व में 84.7 डिग्री देशांतर पर दर्ज हुए। इस भूकंप का केंद्र नेपाल क्षेत्र रहा।”

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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