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अन्तर्राष्ट्रीय

कनाडा: लक्ष्मी नारायण मंदिर के अध्यक्ष के घर पर हमला, खालिस्तानी समर्थकों ने की 14 राउंड फायरिंग

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Khalistani supporters attack on the house of Lakshmi Narayan Temple President in Canada

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ओटावा। कनाडा के ब्रिटिश कोलंबियां प्रांत के सरे में खालिस्तानी समर्थकों द्वारा प्रसिद्ध हिंदू मंदिर के अध्यक्ष पर जानलेवा हमला किया गया। उनके घर पर एक के बाद एक 14 राउंड फायरिंग की गई। रिपोर्ट के मुताबिक, सरे में लक्ष्मी नारायण मंदिर के अध्यक्ष सतीश कुमार के घर पर बुधवार रात खालिस्तानी समर्थकों ने हमला किया। हालांकि, गोलीबारी में कोई घायल नहीं हुआ है लेकिन घर को नुकसान हुआ है।

मंदिर के अध्यक्ष सतीश कुमार ने कहा कि उनके बेटे के घर पर हमला किया गया और कम से कम 14 राउंड फायरिंग की गई। पुलिस कई घंटों तक घटनास्थल पर रही, सबूतों की जांच की, गवाहों से बात की और संभावित सीसीटीवी फुटेज के लिए आस-पड़ोस में छापेमारी की।

जानकारी के अनुसार, गोलीबारी बुधवार 27 दिसंबर को सुबह-सुबह सरे में लक्ष्मी नारायण मंदिर के अध्यक्ष सतीश कुमार के बेटे के आवास पर हुई। यह घटना सरे के 80 एवेन्यू के 14900 ब्लॉक में एक आवास पर हुई है।

पुलिस ने बताया कि हमले में घर क्षतिग्रस्त होने की खबर है और घटना की जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस ने कहा कि सतीश कुमार लक्ष्मी नारायण मंदिर, सरे के अध्यक्ष हैं। इस हमले को खालिस्तानी उग्रवादियों के खिलाफ मंदिर में आयोजित विरोध प्रदर्शन का बदला लेने के तौर पर देखा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि इस मंदिर में पिछले महीने खालिस्तानी चरमपंथियों के खिलाफ जवाबी विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया था, जब वे मंदिर परिसर पर हमला करने के लिए एकत्र हुए थे। यह तीसरी बार है जब लक्ष्मी नारायण मंदिर या उसके सदस्य खालिस्तान समर्थकों के हमले का शिकार हुए हैं।

उल्लेखनीय है कि अगस्त में कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में प्रसिद्ध हिंदू मंदिर को भारत विरोधी भित्तिचित्रों के साथ तोड़ दिया गया था, जिससे भारतीय समुदाय के भीतर बड़े पैमाने पर आक्रोश पैदा हुआ था।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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