अन्तर्राष्ट्रीय
यह चिंताजनक है: भारतीय पर पन्नू की हत्या की साजिश के आरोप पर विदेश मंत्रालय का बयान
नई दिल्ली। अमेरिका द्वारा कथित तौर पर खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह ‘पन्नू’ की हत्या की साजिश रचने के आरोप में भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता के खिलाफ कोर्ट में मामला दर्ज करने पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि अमेरिका में दर्ज हुए मामले में भारतीय अधिकारी की कथित संलिप्तता का मामला बेहद चिंताजनक है।
बागची ने कहा कि यह हमारी सरकारी नीति के विपरीत है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संगठित अपराध, तस्करी, हथियारों की तस्करी और कट्टरपंथ का गठजोड़ बेहद गंभीर मसला है। यही वजह है कि उच्च स्तरीय जांच समिति बनाई गई है।
बागची ने कहा कि अमेरिका के साथ द्विपक्षीय सुरक्षा समझौते पर चर्चा के दौरान अमेरिका की तरफ से कुछ जानकारी साझा की गई थी, जिसमें संगठित अपराध, आतंकियों और कट्टरपंथियों के बीच गठजोड़ की जानकारी दी गई थी।
उन्होंने कहा कि हम ऐसी सूचनाओं को बेहद गंभीरता से लेते हैं और इसीलिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर मामले की जांच की जा रही है। जांच में सामने आई जानकारी के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। बागची ने कहा कि अमेरिका में दर्ज मामले में भारतीय अधिकारी का जिक्र होना चिंताजनक है।
अरिंदम बागची ने कहा कि ‘जहां तक कनाडा की बात है, हमने पहले भी कहा है कि कनाडा में भारत विरोधी कट्टरपंथियों को पनाह दी जा रही है और यह अहम मुद्दा है। कनाडा में हमारे राजनयिक को निशाना बनाया जा रहा है। हम चाहते हैं कि कनाडा की सरकार विएना कन्वेंशन की शर्तों का पालन करे। हमने देखा है कि कनाडा के राजनयिक हमारे अंदरुनी मामलों में भी दखल दे रहे हैं, जो बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है।’
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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