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अन्तर्राष्ट्रीय

भारत ने रचा एक और इतिहास, विश्व में सर्वाधिक देखा जाने वाला इवेंट बना चंद्रयान-3

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नई दिल्ली। भारत ने एक और इतिहास रच दिया है। भारत के चंद्रयान-3 ने कल बुधवार को चांद पर सफल लैंडिंग की। इसी के साथ, भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला विश्व का पहला देश बन गया।

वहीं, इसरो के लाइव स्ट्रीमिंग लिंक ने भी यूट्यूब पर इतिहास रच दिया। चंद्रयान-3 के लैंडिंग की लाइव स्ट्रीमिंग को 8.06 मिलियन लोगों ने एक साथ देखा, जिसने यूट्यूब इतिहास के सभी कीर्तिमानों को ध्वस्त कर दिया।

यूट्यूब पर अबतक ब्राजील बनाम द. कोरिया के फुटबॉल मैच की लाइव स्ट्रीमिंग ही सबसे अधिक 6.15 मिलियन लोगों ने एक साथ देखी थी, जिसे बुधवार को चंद्रयान-3 की लाइव स्ट्रीमिंग ने पटखनी दे दी। वहीं, तीसरे नंबर पर ब्राजील बनाम क्रोएशिया का फुटबॉल मैच है, जिसे 5.2 मिलियन लोगों ने एक साथ देखा था।

यूट्यूब पर अब तक की सबसे अधिक देखी गई लाइव स्ट्रीमिंग

इसरो चंद्रयान-3: 8.06 मिलियन

ब्राजील बनाम दक्षिण कोरिया: 6.15 मिलियन

ब्राजील बनाम क्रोएशिया: 5.2M

वास्को बनाम फ्लेमेंगो: 4.8M

स्पेसएक्स क्रू डेमो: 4.08M

बीटीएस मक्खन: 3.75M

सेब: 3.69M

जॉनी डेप बनाम एम्बर: 3.55M

फ्लुमिनेंस बनाम फ्लेमेंगो: 3.53M

कैरिओका चैंपियन, फाइनल: 3.25M

सब्सक्राइबर्स से ज्यादा दर्शक

इसरो के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग से पहले सब्सक्राइबर्स की संख्या 2.68 मिलियन यानी करीब 26 लाख थी, जो कि अब सफल लैंडिंग के बाद 35 लाख हो गई।

लैंडिंग का लाइव प्रसारण करीब एक घंटे 11 मिनट तक चला और महज एक घंटे में इसरो के नौ लाख सब्सक्राइबर्स बढ़ गए। इसरो के लाइव प्रसारण को सब्सक्राइबर्स से तीन गुना से अधिक लोगों ने एकसाथ देखा।

इसरो के यूट्यूब चैनल पर 2.68 मिलियन सब्सक्राइबर्स हैं, लेकिन महज 9 मिनट के अंदर ही चंद्रयान-3 की लाइव लैंडिंग को देखने के लिए चैनल से 2.9 मिलियन लोग जुड़ गए।

13 मिनट में 3.3 मिलियन लोग लाइव प्रसारण देखने जुड़े।

17वें मिनट में लगभग 40 लाख लोग लाइव जुड़ गए।

31 मिनट के बाद इसरो के यूट्यूब चैनल पर 5.3 मिलियन यानी 53 लाख से ज्यादा लोग लाइव जुड़े।

45 मिनट के बाद 66 लाख लोग लाइव प्रसारण देख रहे थे। इसके बाद कुछ ही मिनटों में दर्शकों की संख्या 80 लाख पहुंच गई।

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अन्तर्राष्ट्रीय

गहरी नींद में थे लोग, तभी भूस्खलन से गांव पर आ गिरा पहाड़ का मलबा, 100 से ज्यादा की हुई मौत

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नई दिल्ली। पापुआ न्यू गिनी में शुक्रवार को हुए भूस्खलन में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। एबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, भूस्खलन की घटना कथित तौर पर दक्षिण प्रशांत द्वीपीय देश की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में एंगा प्रांत के काओकलाम गांव में घटी। यह हादसा स्थानीय समय के अनुसार तड़के 3 बजे करीब हुआ। इलाके के निवासियों का कहना है कि मृतकों की संख्या 100 से अधिक भी हो सकती है।

यह प्राकृतिक आपदा तब हुई, जब पूरा गांव अलसुबह करीब 3 बजे गहरी नींद में था और पहाड़ का मलबा गांव पर आ गिरा।ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (ABC) की रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि शुक्रवार तड़के पापुआ न्यू गिनी के एक सुदूर गांव में हुए भूस्खलन में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। यह इलाका पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किमी उत्तर-पश्चिम में स्थित एंगा प्रांत के काओकालम गांव में हुई है।

स्थानीय लोगों के हवाले से एबीसी ने जानकारी दी है कि इस प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। हालांकि अधिकारियों ने अभी तक मौत के आधिकारिक आँकड़ों की जानकारी नहीं दी है। सोशल मीडिया पर भी इस खौफनाक हादसे के कई वीडियो सामने आए हैं, जिससे बड़ी-बड़ी चट्टानों, पेड़ों और मलबे के नीचे से ग्रामीणों की लाशों को निकालते हुए दिखाया जा रहा है।

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