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उत्तर प्रदेश

अशरफ अहमद के गुर्गे ने डाली सरेंडर की अर्जी, पुलिस रडार पर पांच सौ गाड़ियां

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Atiq hamad brother Ashraf Ahmed

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बरेली। माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ अहमद के गुर्गे लल्लागद्दी ने मुश्किलें बढ़ती देख कल मंगलवार को एसीजेएम कोर्ट में सरेंडर की अर्जी डाली। इधर, बिथरी चैनपुर व बारादरी पुलिस आरोपित की तलाश में जुटी है।

लल्लागद्दी के साथ आरोपित सद्दाम के विरुद्ध गैर जमानती वारंट के लिए पुलिस ने सोमवार को कोर्ट में अर्जी लगाई थी। इस पर कोर्ट ने पुलिस से रिपोर्ट तलब की थी। मंगलवार को विवेचक ने कोर्ट में आख्या रिपोर्ट दे दी।

लिहाजा, बुधवार को दोनों के विरुद्ध एनबीडब्ल्यू जारी होना तय माना जा रहा है। एनबीडब्ल्यू जारी होते ही आरोपितों के विरुद्ध ईनाम भी घोषित होगा। लल्ला गद्दी की सीडीआर से कई और नाम पुलिस के सामने आए हैं।

पुलिस के रडार पर प्रयागराज नंबर की पांच सौ गाड़ियां

जिला जेल में माफिया अतीक के भाई अशरफ के बंद होने के बाद उनके गुर्गों ने जिले में डेरा डाल दिया। बरेली से लेकर प्रयागराज तक का नेटवर्क गुर्गों के जरिये अशरफ चलाने लगा। बाकायदा, बड़े पैमाने पर गुर्गों का प्रयागराज से बरेली तक आना-जाना जारी रहा।

उमेशपाल हत्याकांड के बाद यह बात उजागर हुई। 11 फरवरी को जिला जेल में अतीक के बेटे असद व अजहर की आइडी पर गुर्गों की जेल में अशरफ से मुलाकात की बात सामने आई।

इसी के बाद बरेली पुलिस ने फतेहगंज पश्चिमी, भोजीपुरा व सीतापुर टोल प्लाजा से प्रयागराज नंबर की पांच सौ गाड़ियों का ब्यौरा जुटाया है जिनकी एक जनवरी से 24 फरवरी के बीच बरेली में एंट्री हुई है। संबंधित कार नंबरों के आधार पर पुलिस एक-एक के सत्यापन में जुटी है।बरेली पुलिस की अब की जांच में इसकी पुष्टि हो चुकी है कि अशरफ ने जिला जेल में रहने के दौरान स्थानीय स्तर पर पूरा गिरोह तैयार किया।

स्थानीय स्तर पर उसे पूर्व मंत्री, लल्लागद्दी व अन्य गुर्गे तैयार किए। बाकायदा, साले सद्दाम को इन गुर्गों के जरिये स्थापित किया। सद्दाम जिले की हर विवादित जमीन पर दखल देने लगा। विपक्षी यदि हावी होने की कोशिश करता तो सद्दाम अशरफ के जरिये लोगों को धमकाता।

महज धमकाने भर से काम हो जाने पर बारादरी क्षेत्र के बरात घर का मालिक व प्रापर्टी डीलर, प्रेमनगर क्षेत्र के हिस्ट्रीशीटर, तस्कर, बारादरी, किला व कैंट क्षेत्र के प्रापर्टी डीलर भी सद्दाम से जुड़ गए। अशरफ के नाम से कई काम हल कराए।

पुलिस की जांच में इन बातों की पुष्टि हुई। बाकायदा, इन सभी गुर्गों ने प्रयागराज तक आना-जाना शुरू कर दिया। ऐसे में अशरफ से कौन-कौन से लोग जुड़े थे। एक जनवरी से 24 फरवरी के बीच प्रयागराज के वह कौन से लोग थे जो अशरफ से मिलने पहुंचे।

संबंधित गाड़ी नंबर के आधार पर पुलिस पूरे घटनाक्रम में एक-एक कड़ी जोड़ रही है। गुर्गों की कुंडली तैयार कर रही है। सामने आए नंबरों में काफी गाड़ियां लग्जरी होने की बात सामने आई है।

टोल प्लाजा होकर गुजरी हैं यह सभी गाड़ियां

एसपी सिटी राहुल भाटी ने बताया कि एक जनवरी से 24 फरवरी तक प्रयागराज नंबर की पांच सौ गाड़ियां चिह्नित की गईं है जिनका बरेली में प्रवेश हुआ है। संबंधित नंबरों के आधार पर अशरफ से जुड़े अन्य लोगों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। एसआइटी टीम हर बिंदु पर जांच कर रही है।

11 से 24 फरवरी के फुटेज की जांच शुरू

जेल मुख्यालय बीते दिन 11 से 24 फरवरी तक की जिला जेल की सीसीटीवी एसआइटी टीम को सौंप चुकी है जिसकी मंगलवार से जांच शुरू कर दी गई है। फुटेज में सबसे पहले 11 फरवरी का डाटा देखा जा रहा है जिसमें असद व अजहर की आइडी पर अशरफ के नौ गुर्गों के जिला जेल पहुंचने की बात सामने आई थी। फुटेज के आधार पर सभी के चेहरों की शिनाख्त में टीम जुटेगी।

इन अधिकारियों व कर्मियों पर निलंबन की कार्रवाई

अशरफ से साठगांठ में सोमवार को जिला जेल के जेलर राजीव मिश्रा, डिप्टी जेलर दुर्गेश प्रताप सिंह, जेल वार्डर (सिपाही) शिवहरि अवस्थी, मनोज गौड़, ब्रजवीर सिंह, दानिश व दलपत सिंह निलंबित किए जा चुके हैं। डिप्टी जेलर कृष्ण मुरारी गुप्ता व जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला के विरुद्ध भी कार्रवाई की रिपोर्ट डीआइजी जेल आरएन पांडेय ने भेजी थी। जेल अधीक्षक को शिथिल नियंत्रण का दोषी पाया गया है।

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उत्तर प्रदेश

मोहिनी दुबे हत्याकांड: IAS के ड्राइवर ने भाई और साथी के साथ मिलकर दिया था वारदात को अंजाम, मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के इंदिरा नगर इलाके में रिटायर्ड आईएएस देवेंद्र नाथ दुबे की पत्नी की हत्या के आरोपी तीनों बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसी के साथ पुलिस ने उनके पास से लूटा गया जेवर और नगदी भी बरामद कर ली है। इस पूरी वारदात को देवेंद्र नाथ के ड्राइवर अखिलेश, उसके भाई रवि और एक साथी रंजीत ने अंजाम दिया था।

मंगलवार को पुलिस मोहिनी दुबे हत्याकांड के आरोपियों को पकड़ने गई थी। तभी आरोपियों ने पुलिस के ऊपर फायरिंग कर दी।
जवाबी फायरिंग में एक बदमाश के पैर में गोली लगी है। लखनऊ की इंदिरा नगर क्राइम ब्रांच और पुलिस टीम मुठभेड़ में शामिल हुई थी। तीनों आरोपियों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। मुठभेड़ के दौरान बड़ी संख्या में पुलिसबल और सादी वर्दी में पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद रहे। वारदात को रवि व रंजीत ने अंजाम दिया था जबकि अखिलेश देवेंद्रनाथ दुबे को लेकर वापस लौटा था। पुलिस टीम अब से कुछ ही देर में प्रेस कांफ्रेंस कर मामले का खुलासा करेगी। हत्यारे वारदात के बाद दोनों नीले रंग की स्कूटी से भागते हुए सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गए थे।

बता दें कि इंदिरानगर सेक्टर 20 में शनिवार सुबह सेवानिवृत आईएएस देवेंद्र दुबे के घर में घुसकर बदमाशों ने उनकी पत्नी मोहिनी की हत्या कर दी थी। इसके बाद अलमारी में रखे जेवरात और नकदी लूट ले गए थे। मामले में पुलिस को पहले भी ड्राइवरों पर ही शक था। कई पुख्ता सुबूत इस ओर इशारा कर रहे थे। दोनों चालकों रवि और अखिलेश से सोमवार को पुलिस ने लंबी पूछताछ की थी। दोनों के अलावा और भी कई लोगों से पुलिस ने पूछताछ की थी। सीसीटीवी फुटेज से पता चला था कि बदमाश नीले रंग की स्कूटी से आए थे और उसी से भागे थे। हत्यारों ने अपने परिचित की स्कूटी का इस्तेमाल किया। नंबर प्लेट निकाल दी थी। स्कूटी पुलिस ने बरामद कर ली थी। वहीं, सीसीटीवी से हत्यारों की पहचान भी हो गई थी।

 

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