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विकास को मुद्दा बनाने का काम गुजरात करता है: पीएम मोदी
अहमदाबाद। गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए अब सिर्फ दस दिनों का ही समय शेष बचा है। ऐसे में राजनीतिक दलों ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है। इसी क्रम में रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बोटाद जिले में एक रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह चुनाव न केवल अगले पांच वर्षों के लिए है, बल्कि यह तय करेगा कि गुजरात 25 वर्षों बाद कैसा दिखेगा।
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प्रधानमंत्री ने कहा, हर तरफ एक ही बात सुनने को मिल रही है फिर एक बार मोदी सरकार..गुजरात की जनता ने अभूतपूर्व जीत दिलाने का फैसला कर लिया है। मोदी ने कहा, चुनाव का मुद्दा विकास है। विकास को मुद्दा बनाने का काम गुजरात करता है।
उन्होंने आगे कहा, भारत की राजनीति में भाजपा ने विकास की पहल की। इसने भारत के सभी राजनीतिक दलों को चुनावों में विकास की बात करने पर मजबूर कर दिया है। मोदी ने कहा, स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाने के लिए भाजपा सरकार की सराहना की गई है। इसने मानवता की बहुत बड़ी सेवा की है।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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