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Supreme court में हिजाब बैन पर नहीं हो सका फैसला, मामला अब बड़ी बेंच को

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नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी अदालत Supreme court की बेंच में स्कूल एवं कॉलेजों में हिजाब पर बैन के खिलाफ अर्जी पर फैसला नहीं हो सका है। दो सदस्यों वाली बेंच में इस मसले पर मतभेद थे। ऐसे में केस को अब तीन जजों की के हवाले कर दिया गया है। अब बड़ी बेंच में एकमत से या फिर बहुमत से ही फैसला हो सकेगा।

गुरुवार को जस्टिस हेमंत गुप्ता ने अपना फैसला सुनाते हुए कर्नाटक सरकार की ओर से हिजाब बैन को सही करार दिया और विरोध करने वालों की अर्जी को खारिज कर दिया। वहीं, जस्टिस धूलिया ने हिजाब बैन के कर्नाटक सरकार के फैसले को गलत माना। ऐसे में दो जजों के अलग-अलग फैसले के चलते निर्णय मान्य नहीं होगा और अब आखिरी फैसला बड़ी बेंच की ओर से ही किया जाएगा।

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स्कूल एवं कॉलेजों में हिजाब पहनने पर बैन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (supreme court) ने 10 दिनों तक सुनवाई की थी और उसके बाद 22 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। कर्नाटक के लिहाज से यह अहम मामला है क्योंकि चुनाव करीब हैं और इसके चलते ध्रुवीकरण भी देखने को मिल सकता है।

बता दें कि कर्नाटक हाई कोर्ट ने इससे पहले हिजाब पर बैन को सही माना था और मुस्लिम लड़कियों की अर्जी को यह करते हुए खारिज कर दिया था कि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिसा नहीं है। इसके बाद हिजाब बैन का विरोध करने वालों ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

क्रॉस, जनेऊ और पगड़ी पर भी सुनवाई में उठा था सवाल

सुप्रीम कोर्ट (supreme court) में हिजाब विवाद पर दिलचस्प बहस देखने को मिली थी। अदालत में हिजाब समर्थकों ने जनेऊ, क्रॉस, कृपाण और कड़ा जैसे प्रतीकों का उदाहरण देते हुए कहा था कि इन्हें पहनने पर कोई रोक नहीं है।

हालांकि इन दलीलों का सरकार के वकीलों ने विरोध करते हुए कहा था कि ऐसा कहना गलत है। ये प्रतीक ड्रेस के ऊपर से नहीं पहने जाते हैं। अदालत ने भी इन प्रतीकों से हिजाब की तुलना को गलत माना था।

बता दें कि कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी, न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित और न्यायमूर्ति जेएम खाजी की पीठ ने पहले माना था कि ड्रेस कोड लागू करने के फैसले पर छात्र आपत्ति नहीं कर सकते हैं। यह किसी भी संस्थान का अधिकार है कि वह ड्रेस पर नियम बना सके।

उडुपी के एक कॉलेज से शुरू हुआ था विवाद

हिजाब विवाद की शुरुआत उडुपी के एक महिला कॉलेज से हुई थी, जहां कुछ छात्राओं को प्रिंसिपल और स्टाफ ने हिजाब पहनकर क्लास में जाने से रोका था। इसके बाद छात्राओं ने प्रदर्शन शुरू कर दिया था और फिर देखते ही देखते कर्नाटक के अन्य हिस्सों और देश के दूसरे राज्यों में भी हिजाब को लेकर विवाद शुरू हो गया था।

कॉलेज प्रशासन का कहना था कि अचानक ही कुछ छात्राओं ने हिजाब पहनकर कॉलेज आना शुरू किया था, जबकि उससे पहले इसे लेकर कोई विवाद नहीं थी।

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तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में बम बनाने को एक कुटीर उद्योग बना दिया है : पीएम मोदी

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल के बैरकपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए टीएमसी पर जमकर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में बम बनाने को एक कुटीर उद्योग बना दिया है. टीएमसी का समय अब पूरा हो गया है. टीएमसी ने बंगाल को घोटालों का गढ़ बनाया है. पूर्वी भारत में बीते पांच साल में तेजी से विकास हुआ है. हमें पश्चिम बंगाल में 2019 के मुकाबले इस लोकसभा चुनाव में बड़ी सफलता मिलेगी. पीएम ने कहा ” टीएमसी विधायक ने कहा है कि वे हिंदुओं को भागीरथी नदी में डुबो देंगे. उनके दुस्साहस की कल्पना करें, उनका साहस, कौन उनका समर्थन कर रहा है?”

पीएम ने कहा कि पूरा देश जो कह रहा है बंगाल उसको जोरों से कह रहा है. पश्चिम बंगाल मोदी के मिशन पूर्वी भारत का बहुत महत्वपूर्ण राज्य है, आप जानते हैं आजादी की 50-60 साल तक कांग्रेस के परिवार ने ही सरकारें चलाईं. लेकिन कांग्रेस शासन में पूर्वी भारत को सिर्फ गरीबी मिली, सिर्फ पलायन मिला, पश्चिम बंगाल हो, बिहार हो, झारखंड हो, ओडिशा हो आंध्र प्रदेश हो, इतने बड़े बड़े राज्य, इनते सामर्थवान राज्य और ये राज्य ऐसे हैं किसी राज्य में अपार खनिज संपदा है.

पीएम ने कहा कि किसी राज्य मे कोयले के भंडार भरे हैं. किसी राज्य के पास समुद्र की ताकत वोट की ताकत है किसी के पार अथाह उपजाऊ भूमि है. किसी के पास पर्यटन के लिए पूरे देश में सबसे ज्यादा पुटेंशियल है. बावजूद इसके कांग्रेस और इंडी अलाइंस के दलों ने पूर्वी भारत को पिछड़ा ही छोड़ दिया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि बंगाल की ये धरती बैरकपुर की ये धरती इतिहास रचने वाली धरती है. आजादी में अहम भूमिका निभाने वाली धरती है, लेकिन टीएमसी ने इसका क्या हाल बना दिया है. एक समय था जब बंग्लादेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में ये अपना बहुत बड़ा योगदान देता था, आज टीएमसी ने इसे घोटाले का गढ़ बना दिया है.

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