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11 सांसद सदन की कार्यवाही से एक सप्ताह के लिए निलंबित, किया था अभद्र व्यवहार

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नई दिल्ली। संसद के मॉनसून सत्र के दौरान राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान अभद्र व्यवहार करने के चलते विपक्ष के 11 सांसदों को सदन की कार्यवाही से एक सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार, विपक्ष दलों के सांसद सदन के अंदर महंगाई को लेकर सरकार की नीतियों की आलोचना कर रहे थे और अपना विरोध दर्ज कर रहे थे। दो दिनों में विपक्ष के 19 सांसद दोनों सदनों से मॉनसून सत्र की कार्यवाही से निलंबित हो चुके हैं।

मंगलवार को उच्च सदन में कार्यवाही की शुरुआत के साथ ही विपक्षी सांसदों ने महंगाई को लेकर अपना विरोध दर्ज करना शुरू किया। सदन के अंदर नारेबाजी करते हुए विपक्षी सांसद वेल के काफी पास आ गए थे। सभापति की ओर से विपक्षी सांसदों को अपनी सीट पर बैठने का बार-बार आग्रह किया गया। जानकारी के अनुसार, बात न मानने पर सभापति ने विपक्ष के सांसदों के खिलाफ ऐक्शन लिया और एक सप्ताह के लिए सदन की कार्यवाही से उन्हें निलंबित कर दिया।

जिन सांसदों को निलंबित किया गया है उनमें तृणमूल सांसद सुष्मिता देव, डॉ शांतनु सेन, डोला सेन, शांता छेत्री, मोहम्मद अब्दुल्ला, एए रहीम, कनिमोझी, एल यादव और वी वी. शिवादासन, अबीर रंजन विश्वास, नदीमुल हक शामिल हैं। राज्यसभा की कार्यवाही से एक सप्ताह के लिए निलंबित होने वाले सांसदों में सात टीएमसी पार्टी के हैं।

लोकसभा से चार कांग्रेसी सांसदों पर ऐक्शन

बता दें कि एक दिन पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम प्रकाश बिड़ला ने भी निचले सदन की कार्यवाही के दौरान अभद्र व्यवहार के आरोप में कांग्रेस के चार सांसदों के खिलाफ ऐक्शन लिया था। दो दिनों में सदन की कार्यवाही से विपक्ष के 19 सांसदों को एक सप्ताह के लिए निलंबित किया जा चुका है।

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एनडीए की बजाय इंडिया गठबंधन की सरकार बनती तो देश में कुछ ना कुछ नया होता: अखिलेश यादव

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सैफई। सपा अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इटावा के सैफई में बीजेपी पर तंज कसा है। अखिलेश यहां पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलने पहुंचे थे। अखिलेश यादव ने कहा कि एनडीए ने भले सरकार बना ली हो लेकिन वहां खुश कोई नहीं है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि एनडीए की सरकार बनने के बाद जनता में भी खुशी का एहसास नहीं है।

केंद्र में सरकार बनाने वालों के चेहरों पर भी खुशी दिखाई नहीं दे रही है। उन्होंने नए मंत्रिमंडल को लेकर कहा कि ये जैसे 2024 साल बदला है, समय बदला है, ऐसे ही आगे सबकुछ बदला दिखाई देगा।

उन्होंने कहा अगर एनडीए की बजाय इंडिया गठबंधन की सरकार बनती तो निश्चित है कि देश में कुछ ना कुछ नया होता। केंद्र में नवगठित एनडीए सरकार से देशवासियों को कुछ भी नया नहीं मिलने वाला है। अगर यही हाल रहा तो उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ेगा। करहल विधानसभा सीट छोड़ने को लेकर उन्होंने कहा कि मैंने पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं से बात की। दो जगह से जीत पर एक जगह की सीट छोड़ने पड़ेगी। आपके सामने बहुत जल्द निर्णय होगा। –

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