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राहुल गांधी का मोदी सरकार पर हमला, कहा- सेना के गौरव व पराक्रम से समझौता

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नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड मामले में लगातार तीसरे दिन जारी पूछताछ के बीच लंच के लिए बाहर निकलते ही राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला किया। उन्होंने केंद्र सरकार की अग्निपथ स्कीम को लेकर कहा कि भाजपा सरकार सेना के गौरव, पंरपरा, पराक्रम और अनुशासन से समझौता कर रही है।

एक ट्वीट में राहुल गांधी ने कहा, जब भारत के सामने दो मोर्चों पर चुनौती है तो अग्निपथ स्कीम सशत्र बलों के ऑपरेशनल इफेक्टिवनेस को कम कर सकती है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को सेना के गौरव और पंरपरा के साथ खिलवाड़ करना बंद कर देना चाहिए।

प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस योजना को लेकर सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, ‘भाजपा सरकार सेना भर्ती को अपनी प्रयोगशाला क्यों बना रही है? सैनिकों की लंबी नौकरी सरकार को बोझ लग रही है?

युवा कह रहे हैं कि ये 4 साला नियम छलावा है। हमारे पूर्व सैनिक भी इससे असहमत हैं। सेना भर्ती से जुड़े संवेदनशील मसले पर न कोई चर्चा, न कोई गंभीर सोच-विचार। बस मनमानी?’

क्या है अग्निपथ स्कीम?

बता दें कि मंगलवार को केंद्र सरकार ने सेना में अग्निपथ स्कीम की शुरुआत की है। एक तरफ केंद्र सरकार के मंत्री से लेकर सेना प्रमुख तक इस योजना की तारीफ कर रहे हैं तो दूसरी ओर विपक्ष इसपर सवाल उठा रहा है।

कई जगहों पर इस योजना के विरोध में प्रदर्शन भी हो रहे हैं। इस योजना के तहत हर साल 40 से 50 हजार युवाओं को सेना में शामिल किया जाएगा। ये भर्तियां मेरिट और मेडिकल के आधार पर होंगी।

इसमें 30 से 40 हजार के वेतन के साथ अन्य लाभ दिए जाएंगे। यह भर्ती केवल चार साल के लिए ही होगी और फिर सभी अग्निवीरों की सेवा समाप्त हो जाएगी। 25 फीसदी अग्निवीरों को परमानेंट किया जाएगा।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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