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मुख्य समाचार

फिर आंदोलन की तैयारी में अन्ना हजारे, राष्ट्रीय लोकआंदोलन का किया गठन

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नई दिल्ली। भ्रष्टाचार के खिलाफ वर्ष 2011 में दिल्ली में जबर्दस्त आंदोलन चलाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे एक बार फिर आंदोलन की तैयारी में हैं। इसके लिए उन्होंने अपने नए संगठन राष्ट्रीय लोकआंदोलन का गठन किया है।

84 वर्षीय अन्ना हजारे इस संगठन का एलान अपने जन्म दिन 19 जून को करने वाले हैं। अन्ना 19 जून को दिल्ली आ रहे हैं। वे यहां अपने नए संगठन के कार्यकर्ताओं के एक दिनी प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होंगे। यह संगठन भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन करेगा।

अन्ना हजारे लोकायुक्त कानून में विलंब को लेकर चेतावनी दी है। उन्होंने इस मामले में पूरे महाराष्ट्र में आंदोलन का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि यदि महाराष्ट्र सरकार ने अगस्त तक ये कानून नहीं बनाया तो पूरे राज्य में आंदोलन चलाया जाएगा।

15 मई को अन्ना ने सीएम उद्धव ठाकरे को इसे बारे में पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने कहा था कि देश में कुछ राज्यों ने लोकायुक्त कानूनों को मार्गदर्शक सिद्धांतों के अनुसार अधिसूचित कर दिया है, लेकिन  महाराष्ट्र में अब तक नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा 2019 में देवेंद्र फडणवीस सरकार के समय मैंने आंदोलन किया था, लेकिन फडणवीस द्वारा मुझे यह लिखित आश्वासन दिए जाने के बाद कि सरकार मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक मसौदा समिति बनाने के लिए तैयार है, मैंने अपना आंदोलन वापस ले लिया था।

इसके बाद मौजूदा एमवीए सरकार ने लोकायुक्त कानून बनाने का वादा किया था, लेकिन अब तक कुछ नहीं किया।

अन्ना ने पत्र में कहा कि महाराष्ट्र सरकार या तो लोकायुक्त कानून लागू करे या सत्ता से हट जाए। लोकायुक्त कानून के पक्ष में आंदोलन शुरू करने के लिए राज्य की 200 तहसीलों में समितियों का गठन किया गया था।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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