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मनोरंजन

आक्रांताओं पर किताबें लिखी गई, हमारे राजाओं के बारे में नहीं बताया गया: अक्षय कुमार

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मुंबई। अपनी फिल्म सम्राट पृथ्वीराज की रिलीज से पहले अभिनेता अक्षय कुमार ने एक इंटरव्यू में कहा कि हमें जो इतिहास पढ़ाया गया है, उसमें हमारे राजाओं जैसे महाराणा प्रताप और पृथ्वीराज चौहान के बारे में बहुत कम बताया गया है।

देश में इतिहास की पढ़ाई को लेकर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि मैं एजुकेशन मिनिस्टर से अपील करना चाहूंगा कि इस मामले को देखें। हमें बैलेंस करना चाहिए।

मैं यह नहीं कहता कि हमें मुगलों के बारे में नहीं जानना चाहिए, लेकिन हमें अपने राजाओं के बारे में भी जानना चाहिए। वे भी महान थे और यह जानकारी हर किसी को बताना चाहिए। बच्चों को महाराणा प्रताप के बारे में जानना चाहिए।

पृथ्वीराज चौहान को लेकर उन्होंने कहा कि हमारी इतिहास की किताबों में उनके बारे में दो से तीन लाइनें ही हैं। आक्रांताओं पर किताबें लिखी गई है, लेकिन हमारे अपने राजाओं पर दो से तीन लाइनें ही हैं।

इस दौरान उन्होंने खुद के सोमनाथ और काशी विश्वनाथ जाने के सवाल पर भी जवाब दिया। अक्षय कुमार ने कहा कि मैं यहां हिंदुत्व के लिए नहीं बल्कि सांस्कृतिक विरासत के चलते गया था।

अक्षय कुमार ने कहा, ‘मैं इसलिए गया था क्योंकि पृथ्वीराज का इनसे नाता है। मैं धार्मिक आस्था के चलते नहीं बल्कि संस्कृति की वजह से गया। मैं इसलिए गया था ताकि लोगों को बताऊं कि यह हमारी संस्कृति है। चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने मुझे बताया कि पृथ्वीराज चौहान और सोमनाथ एवं काशी विश्वनाथ के बीच क्या रिश्ता है।’

द्विवेदी ने किया सवाल- सोमनाथ और काशी विश्वनाथ को किसने तोड़ा था

इस दौरान फिल्म निर्माता चंद्र प्रकाश द्विवेदी ने कहा कि मैं सांस्कृतिक पुनरुत्थान और मंदिरों के दोबारा निर्माण को गलत नहीं मानता। उन्होंने कहा कि आखिर हम सोमनाथ और वाराणसी क्यों गए?

हम जानते हैं कि भारत की सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी है। गंगा और हिमालय हमारे इतिहास के साक्षी हैं, यह हमारी भावना की बात है। इस देश में बहुत डिबेट चल रही है। इसलिए मेरे मन में था कि लोगों को याद दिलाया जाए कि पहली बार काशी विश्वनाथ मंदिर को कुतुबुद्दीन ने तोड़ा था।

मूवी में सोमनाथ का भी जिक्र आता है। सोमनाथ को कई बार तोड़ा गया और लोगों के सामने यह प्रश्न था कि क्या उसे यूं ही छोड़ दिया जाए लेकिन 1947 में सरदार पटेल, कन्हैया लाल मुंशी और राजेंद्र प्रसाद समेत कई नेताओं ने प्रयास किए। 1192 के बाद से देश गुलाम रहा और देश ने बहुत कुछ सहा। अब यह समय है, जब पुनरुत्थान होना चाहिए और उसका प्रतीक सोमनाथ मंदिर बना था।

पीएम नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू लेने पर भी बोले अक्षय कुमार

अक्षय कुमार ने पीएम नरेंद्र मोदी की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी जिस भी व्यक्ति से बात करते हैं, उसके अनुसार खुद को ढाल लेते हैं।

उनका इंटरव्यू लिए जाने के सवाल पर अक्षय कुमार ने कहा कि यह मेरा काम नहीं था, लेकिन मुझे खुशी हुई कि उनके साथ बैठने का मौका मिला।

अक्षय कुमार ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी किसी को भी असहज नहीं कराते हैं और उसके मुताबिक बात करते हैं। यही वजह है कि वह हर किसी से जुड़ जाते हैं और लोगों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।

मनोरंजन

हाईकोर्ट पहुंचे जैकी श्रॉफ, बिना इजाजत ‘भ‍िडू’ बोला तो देना होगा 2 करोड़ जुर्माना

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मुंबई। बॉलीवुड के दिग्गज एक्‍टर जैकी श्रॉफ को आपने अक्सर ‘भ‍िडू’ शब्द का प्रयोग करते सुना होगा। कई बार उनसे मुलाकात के दौरान उनके फैंस भी इस शब्द का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन अब अगर आपने आगे से ऐसा किया तो आपको 2 करोड़ रु का जुर्माना देना पड़ सकता है। एक्‍टर ने ‘व्यक्तित्व और प्रचार अधिकारों की सुरक्षा’ के तहत ‘भ‍िडू’ शब्‍द के इस्‍तेमाल पर दिल्‍ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और कई संस्‍थानों के ख‍िलाफ केस किया है।

यह मामला उन संगठनों के खिलाफ दायर किया गया है जो जैकी श्रॉफ का इस्तेमाल उनकी अनुमति के बिना व्यावसायिक लाभ के लिए कर रहे हैं। उम्मीद है कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुनाएगा ताकि अभिनेता के प्रचार अधिकारों की रक्षा की जा सके। मामले को कल 14 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

यह पहली बार नहीं है कि किसी बॉलीवुड अभिनेता ने गोपनीयता और प्रचार अधिकार के लिए अदालत से मदद मांगी है। इससे पहले दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन ने लोगों को अभिनेता की नकल करने और उनकी सहमति के बिना उनकी आवाज का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए मुंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

दूसरी ओर पिछले साल अनिल कपूर ने भी अपने व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। इसके अलावा, इस साल जनवरी में अनिल कपूर ने केस जीत लिया। इसमें उन्होंने ‘झकास’ शब्द वाला तकिया कलाम, अपने नाम, आवाज, बोलने के तरीके, छवि, समानता और हावभाव की सुरक्षा की मांग की थी। उनका कहना था कि इसका प्रयोग न किया जाए।

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