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मां का ख्याल रखने को बड़े घर की नहीं, बड़े दिल की जरूरत: SC

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Muslim side also got a blow from SC in Shri Krishna Janmabhoomi dispute

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नई दिल्ली। मां का ख्याल रखने को बड़े घर की नहीं, बड़े दिल की जरूरत होती है। एक बुजुर्ग महिला की बेटे द्वारा सेवा न किए जाने के मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी की।

बुजुर्ग महिला की बेटियों ने अदालत में अर्जी दाखिल कर कहा था कि उनका भाई मां का ख्याल नहीं रख रहा है, ऐसे में उन्हें उनकी कस्टडी देनी चाहिए। बेटियों का कहना था कि उनके भाई ने मां की बड़ी संपत्ति अपने नाम करा ली है, लेकिन अब उनकी देखभाल नहीं कर रहा है।

इस पर अदालत ने आदेश दिया है कि अब महिला की कोई भी चल या अचल संपत्ति ट्रांसफर नहीं हो पाएगी। इसके अलावा उसने मां की कस्टडी बेटियों को सौंपने को लेकर बेटे से मंगलवार तक जवाब मांगा है। मां डिमेंशिया से पीड़ित है।

अदालत ने कहा कि अब बेटियां मां की जिम्मेदारी संभालें। आप भी उनसे मुलाकात कर सकते हैं। इस पर बेटे की ओर से पेश वकील शोएब कुरैशी ने कहा कि बेटियों अपने परिवारों के साथ रहती हैं और उनके पास उन्हें रखने के लिए स्पेस नहीं है।

इस पर अदालत ने कहा,. ‘सवाल यह नहीं है कि आपके पास कितना एरिया है बल्कि सवाल यह है कि आपके पास मां की देखभाल करने के लिए कितना बड़ा दिल है।’ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और सूर्यकांत की बेंच ने बेटे से मंगलवार तक नोटिस का जवाब देने को कहा है।

बेटियों ने कहा था- मां से मिलने नहीं दिया जा रहा

बुजुर्ग महिला की बेटियों पुष्पा तिवारी और गायत्री कुमार ने मार्च में अर्जी दाखिल कर कहा था कि उनकी मां को फरवरी में गंगा राम अस्पताल में एडमिट कराया गया था।

उसके बाद उन्हें किसी अज्ञात स्थान पर उनके भाई ने रख रखा है और उन्हें मुलाकात भी नहीं करने दिया जा रहा है। 89 वर्षीय मां वैदेही सिंह की लोकेशन का पता बताने के लिए कोर्ट ने बेटे को नोटिस जारी किया था।

इस पर उसने बताया कि वह बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित अपने घर पर मां को ले गया था। उसके बाद अदालत ने आदेश दिया था कि महिला की बेटियों को उनसे मिलने दिया जाए।

कोर्ट ने कहा- मां की सेहत खराब और आप संपत्ति ट्रांसफर कराते रहे

इसके बाद 18 अप्रैल को अदालत ने पटना स्थित मेदांता अस्पताल को आदेश दिया था कि वह एक मेडिकल बोर्ड का गठन करे और महिला की सेहत का परीक्षण करे। इस पर 28 अप्रैल को अस्पताल के मेडिकल बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वैदेही सिंह डिमेंशिया से पीड़ित हैं।

इस पर अदालत ने कड़ा रुख जाहिर करते हुए कहा कि मां की सेहत इतनी खराब होने के बाद भी बेटा उनकी संपत्तियों को ट्रांसफर करने में जुटा रहा।

अदालत ने बुजुर्गों की हालत पर चिंता जाहिर करते हुए कहा, ‘देश में वरिष्ठ नागरिकों के साथ यह त्रासदी है। वह गंभीर रूप से डिमेंशिया का शिकार हैं और आप उनकी संपत्ति बेचने में जुटे हैं। आप उन्हें लेकर कलेक्टर ऑफिस भी गए ताकि अंगूठा लगवा सकें। अब उनकी संपत्ति से जुड़ी आगे किसी भी प्रक्रिया पर हम रोक लगाते हैं।’

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मिर्जापुर में बोले पीएम मोदी- हमारे देश का पवित्र संविधान इंडी गठबंधन के निशाने पर है

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मिर्जापुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को मिर्जापुर के बरकछा में एनडीए प्रत्याशी के समर्थन में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ज्येष्ठ का ये म​हीना हमारी परंपरा में विशेष होता है और इसका हर मंगलवार बहुत खास होता है. इस बार का बुढ़वा मंगल और भी विशेष है, क्योंकि 500 साल बाद ये पहला बुढ़वा मंगल होने वाला है, जब बजरंग बली के प्रभु राम अयोध्या में अपने भव्य मंदिर में विराजे होंगे. 6 चरणों के मतदान में देश ने तीसरी बार भाजपा-एनडीए की मजबूत सरकार को पक्का कर दिया है. भारत ने तीसरी बार मोदी सरकार बनाने का मन क्यों बनाया? इसका सीधा-सीधा कारण है- नेक नीयत, नेक नीतियां और राष्ट्रनिष्ठा.

पीएम मोदी ने कहा कि इंडी गठबंधन वालों को देश अच्छी तरह जान गया है. ये लोग घोर सांप्रदायिक हैं. ये लोग घोर जातिवादी हैं. ये लोग घोर परिवारवादी हैं. जब भी इनकी सरकार बनती है, ये लोग इसी आधार पर फैसला लेते हैं. कानून व्यवस्था और समाजवादी पार्टी का छत्तीस का आंकड़ा है। जो आतंकी पकड़े जाते थे, उनको भी ये सपा वाले छोड़ देते थे। जो पुलिस अफसर इसमें आनाकानी करता था, सपा सरकार उसे सस्पेंड कर देती थी। इन्होंने पूरे यूपी को, पूर्वांचल को माफिया का सुरक्षित ठिकाना बना दिया था। जीवन हो या जमीन, कब छिन जाए कोई नहीं जानता था और सपा सरकार में माफिया को भी वोटबैंक के हिसाब से देखा जाता था।

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश का पवित्र संविधान भी इनके (इंडी गठबंधन) निशाने पर है। ये SC-ST-OBC का आरक्षण लूटना चाहते हैं। हमारा संविधान साफ-साफ कहता है, धर्म के आधार आरक्षण हो ही नहीं सकता. 2012 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के समय समाजवादी पार्टी ने अपना घोषणा पत्र जारी किया था। तब सपा ने अपने घोषणा पत्र में कहा था, जैसे दलितों, पिछड़ों को आरक्षण मिला है, वैसे ​ही मुसलमानों को भी आरक्षण दिया जाएगा। सपा ने कहा था, वो इसके लिए संविधान तक बदल देगी। सपा ने घोषणा की थी कि पुलिस और पीएसी में भी 15 प्रतिशत आरक्षण मुसलमानों को दिया जाएगा। ये लोग अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए किस तरह SC-ST-OBC का हक छीनने पर तुले हुए थे।

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