Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

UNSC में हुई रूस की हार, भारत ने नहीं किया समर्थन मे वोट, 13 देशों ने किया किनारा

Published

on

Loading

रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध का आज एक महीना हो चुका है. आज ही के दिन 24 फरवरी को रूस की रेड आर्मी यूक्रेन में घुसी थी, लेकिन एक महीेने बीत जाने के बाद भी रूस यूक्रेन को झुका नहीं पाया है. अब संयुक्त राष्ट्र परिषद (UNSC) में मिली हार ने भी रूस का मनोबल तोड़ दिया है. देर रात हुई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की इसी बैठक में रूस को बड़ी हार का सामना करना पड़ा. रूस ने यूक्रेन में मानवीय मदद के लिए प्रस्ताव पेश किया था, लेकिन बिना इसी वजह बताए. और इसी वजह से प्रस्ताव पर 15 में से 13 देशों ने वोट नहीं डाले, इसमें भारत भी शामिल था. प्रस्ताव के समर्थन से सिर्फ रूस और चीन ने वोट किया.

यूक्रेन युद्ध पर तटस्थ है भारत

संयुक्त राष्ट्र में रूस के प्रस्ताव पर वोट नहीं देकर भारत ने फिर साबित किया कि हम यूक्रेन युद्ध पर तटस्थ हैं. ना किसी के साथ ना किसी के खिलाफ. इससे पहले भी पश्चिमी देशों को तरफ से रूस के खिलाफ लाए गए निंदा प्रस्ताव पर भी भारत ने यही रुख अपनाया था, जिसको लेकर कई NATO देश सवाल उठा रहे थे.

राष्ट्रपति जेलेंस्की का हौसला अभी भी कायम

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भले की रूस हार गया हो, लेकिन यूक्रेन में वो बेहद तेजी से अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है. काला सागर से लगते खेरसॉन, मारियोपोल, ओडेसा समेत तमाम बंदरगाह शहर लगभग उसके कब्जे में आ चुके हैं. उत्तर में बेलारुस से आई रेड आर्मी राजधानी कीव पर घेराबंदी कस रही, कीव के रिहायशी  इलाकों में ताबड़तोड़ हमले हो रहे हैं, लेकिन राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की का हौसला अभी भी कायम है. आसमान से बरसती रूसी मिसाइलों के बीच जेलेंस्की कीव में सड़कों पर निकले और रूस को ललकारा.

वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा, ”हम सभी को रूस को रोकना होगा. दुनिया को युद्ध रोकना चाहिए. मैं उन सभी का आभारी हूं जो यूक्रेन का साथ दे रहे हैं, लेकिन युद्ध जारी है. नागरिकों के खिलाफ आतंक जारी है. इसको एक महीना बीत गया! बहुत लंबा! यह मेरा दिल, सभी यूक्रेनियन और पृथ्वी पर हर स्वतंत्र व्यक्ति के लिए दुखी है, इसलिए मैं आपसे युद्ध का विरोध करने के लिए कहता हूं!”

50 लाख से ज्यादा लोगों ने छोड़ा यूक्रेन

जेलेंस्की की गुहार के बीच पुतिन का गुस्सा और भड़कता जा रहा है, क्योंकि युद्ध के 29वें दिन भी जीत दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है. रूस की बमबारी से यूक्रेन के चेर्निहीव में ताबाही का मंजर है. पिछले 29 दिन से जारी इस खूनी युद्ध की वजह से अब तक दोनों तरफ से हजारों जाने जा चुकी हैं. 50 लाख से ज्यादा लोग यूक्रेन छोड़कर भाग चुके हैं, जो यहां रुके हैं, उनके सामने सामने भी अब भूखे मरने की नौबत है.

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्‍तानी अमेरिकी अरबपति साजिद तरार का बयान- मोदी फिर बनेंगे पीएम, उनके जैसे नेता की हमें भी जरुरत

Published

on

Loading

नई दिल्ली। पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी कारोबारी साजिद तरार ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक मजबूत नेता हैं जो भारत को नई ऊंचाइयों पर ले गए हैं और वह तीसरी बार देश के पीएम के रूप में लौटेंगे। साजिद तरार ने कहा कि मोदी न केवल भारत के लिए बल्कि क्षेत्र और दुनिया के लिए अच्छे हैं और उम्मीद है कि पाकिस्तान को भी उनके जैसा नेता मिलेगा।

पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी कारोबारी पीएम मोदी को दुनिया का मजबूत नेता बताया है। उन्होंने कहा कि मोदी न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया और दक्षिण एशिया के लिए अच्छे नेता हैं। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि पाकिस्तान को भी उनके जैसा नेता मिलेगा। तरार ने कहा कि वह एक जन्मजात नेता हैं। वह एक ऐसे पीएम हैं जिन्होंने अपनी राजनीति को जोखिम में डालकर पाकिस्तान का दौरा किया। मैं उम्मीद करता हूं वे पाकिस्तान के साथ बातचीत और व्यापार शुरू करेंगे।

उन्होंने आगे कहा कि भारत एक युवा देश है और उसे युवा लोगों का अच्छा साथ मिल रहा है। तरार ने आगे कहा कि यह एक चमत्कार है। भारत के 97 करोड़ लोग अपने मत डाल रहे हैं। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। आप भविष्य में देखेंगे कि लोग भारतीय लोकतंत्र से सीख लेंगे। तरार ने पीओके में चल रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर कहा कि आर्थिक स्थिति खराब होने और महंगाई के कारण वहां के लोग परेशान है। उन्होंने पाकिस्तानी पीएम के आर्थिक पैकेज को लेकर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि पूरे पाकिस्तान में फिलहाल पीओके जैसी ही स्थिति है। आतंकवाद-कानून व्यवस्था और राजनीतिक अस्थिरता के कारण आज देश कई संकटों से जूझ रहा हैं।

 

Continue Reading

Trending