हेल्थ
कैंसर से बचा सकता है एस्पिरिन?
न्यूयॉर्क| बुजुर्ग लोग स्वयं को दिल की बीमारियों और कैंसर से बचाने के लिए एस्पिरिन की ओर रुख कर रहे हैं। एक नए अध्ययन में यह खुलासा हुआ है। राष्ट्रीय स्तर के एक सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि अमेरिका में रहने वाले 50 फीसदी से अधिक वृद्ध अब रोजाना एस्पिरिन का सेवन करते हैं। फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने हालांकि ऐसे लोगों के लिए इस दवा के उपयोग की अनुशंसा नहीं की है, जिन्हें अभी तक दिल का दौरा या स्ट्रोक नहीं पड़ा है।
यह पाया गया है कि एस्पिरिन का उपयोग बढ़ता जा रहा है, खास तौर से वयस्कों में, जो इसका प्रयोग प्राथमिक रोकथाम के लिए कर रहे हैं। हृदयाघात और कुछ मामलों में कैंसर को रोकने के लिए भी लोग एस्पिरिन का सेवन करते हैं।
इस सर्वेक्षण में 45 से 75 साल के 2,500 से अधिक लोगों की राय ली गई जिसमें से 52 फीसदी लोग एस्पिरिन का सेवन करते थे।
ओरेगन स्टेट विश्वविद्यालय के क्रैग विलियम्स ने कहा, “एस्पिरिन का उपयोग आज भी चिकित्सा विशेषज्ञों के बीच एक बहुत ही विवादास्पद मुद्दा है। प्राथमिक रोकथाम में इसके उपयोग का समर्थन ज्यादातर मिला-जुला है।” क्रैग इस शोध के मुख्य शोधकर्ता हैं।
विलियम्स ने कहा कि हृदयाघात के अलावा कुछ शोधों में कैंसर से बचाव, विशेष रूप से बड़ी आंत के कैंसर से लड़ने में एस्पिरिन की भूमिका बताई गई है। उन्होंने कहा, “यही कारण है कि एस्पिरिन के उपयोग में इजाफा हो रहा है।”
यह शोध अमेरिकन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव मेडिसिन में प्रकाशित हुआ है।
लाइफ स्टाइल
दिल से जुड़ी बीमारियों को न्योता देता है जंक फूड, इन खाद्य पदार्थों से करें परहेज
नई दिल्ली। अनियमित लाइफ स्टाइल व तला भुना जंक फूड दिल से जुड़ी बीमारियों की मुख्य वजह बन गया है। स्टडीज़ के अनुसार, अगर आप अपने दिल की सेहत में सुधार करना चाहते हैं, तो इन 4 तरह के खाने से दूरी बना लें।
तला हुआ खाना
कई शोध से पता चला है कि सैचुरेटेड फैट्स शरीर में बैड कोलेस्ट्ऱॉल की मात्रा को बढ़ाने का काम करते हैं। रेड मीट, फ्रेंच फ्राइज़, सैंडविच, बर्गर आदि जैसे फूड्स LDL यानी बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ाते हैं, जिससे स्ट्रोक और दिल के दौरे का ख़तरा बढ़ जाता है।
चीनी युक्त सोडा या फिर केक
चीनी को मीठा ज़हर ही कहा जाता है। केक, मफिन, कुकीज़ और मीठी ड्रिंक्स शरीर में सूजन का कारण बनते हैं। चीनी का ज़्यादा सेवन शरीर में फैट्स बढ़ाता है, जिससे डायबिटीज़, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है।
लाल मांस
रेड मीट सैचुरेटेड फैट्स से भरपूर होता है, जिसकी वजह से धमनियों में प्लाक जम सकता है। जिनको मटन खाने का शौक है, उन्हें वह हिस्सा खाना चाहिए जिसमें ज़्यादा प्रोटीन और कम फैट हो। अगर आप चिकन खा रहे हैं तो ब्रेस्ट, विंग्ज़ वाला हिस्सा में ज़्यादा प्रोटीन होता है और कम फैट। वहीं, मछली सबसे हेल्दी और अच्छा ऑप्शन है।
सफेद चावल, ब्रेड या फिर पास्ता
सफेद ब्रेड, मैदे, चीनी और प्रोसेस्ड तेल को मिलाकर तैयार किए जाने वाले फूड्स में किसी भी तरह का फायदा नहीं होता। ऐसा ही सफेद पास्ता के साथ भी है। सफेद चावल में फाइबर की मात्रा कम होती है, इसलिए दिल की सेहत के लिए इसका ज़्यादा सेवन नहीं किया जाना चाहिए।
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