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अन्तर्राष्ट्रीय

‘हमें युद्ध की आग में झोक दिया’, रूसी सैनिकों ने रो-रोकर घुटने टेक मांगी माफ़ी

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जिस मकसद के साथ यूक्रेन पर हमले का आदेश दिया था, वो दूर-दूर तक पूरा होता नहीं दिख रहा। यूक्रेन की सेना और आम लोगों ने अपनी जमीन पर हुए हमले का कड़ा मुकाबला किया है। जिसके चलते रूसी सेना को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। ये युद्ध व्लादिमीर पुतिन के आदेश के बाद बीते गुरुवार को शुरू हुआ था। इस बीच रूसी सैनिकों के कई वीडियो सामने आए हैं। जिनमें वो फूट-फूटकर रोते हुए देखे गए हैं। उनका कहना है कि उन्हें बिना बताए युद्ध की आग में झोंक दिया गया है।

अब एक नया वीडियो सामने आया है जिसमे रूसी सैनिक यूक्रेनी नागरिकों के आगे घुटने टेके नज़र आ रहे हैं। इन सैनिकों ने आत्मसमर्पण कर अपनी जान बचाने का प्रयास किया। ये सैनिक कहते हैं कि ‘हम यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में नहीं जाना चाहते थे, हम हतोत्साहित थे, लेकिन कमांड ने कहा कि अगर हम पीछे हट गए, तो हमें आदेश का पालन नहीं करने के लिए गोली मार दी जा सकती है।’

 

सैनिकों का कहना है कि इन्हें यूक्रेन के उन शांतिपूर्ण लोगों के खिलाफ लड़ाई करने के लिए भेजा गया है, जो अपने देश की रक्षा कर रहे हैं। कमांडरों ने इनकी बलि चढ़ाने के लिए इन्हें यहां भेजा है।एक रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन के झंडे के आगे बैठे रूस के एक घायल सैनिक ने कहा, ‘ये हमारी लड़ाई नहीं है। मां और पत्नियां अपने बेटे-पतियों को यहां से ले जाएं। उनकी यहां कोई जरूरत नहीं है।’ एक अन्य वीडियो में हथकड़ी बांधे बैठा सैनिक रोता हुआ कहता है, ‘वो हमारे शव भी नहीं उठाएंगे, यहां अंतिम संस्कार तक नहीं होगा।’

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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