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प्रादेशिक

एक के बाद एक सीरियल विस्फोट से दहला बिहार का खगड़िया, 14 लोग घायल, किसी की उम्र चार तो किसी की पांच साल

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बिहार के खगड़िया में गुरुवार को तीन सीरियल बम धमाके हुए जिससे हर कोई दहल उठा। इस बम विस्फोट में 14 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, जिनमें 4 बच्चे भी शामिल हैं। बम विस्फोट के घायलों को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। खगड़िया के एसपी अमितेश कुमार के मुताबिक एक चश्मदीद ने दावा किया है कि 20-23 छोटे बमों का एक समूह जमीन पर गिरने के बाद बड़ा धमाका हुआ। आसपास के इलाकों को खाली करा दिया गया है। एटीएस व अन्य टीमें पूरे घटनाक्रम की जांच कर रही है।

बखरी बस स्टैंड के पास हुआ विस्फोट

विस्फोट खगड़िया नगर थाना क्षेत्र में बखरी बस स्टैंड के पास हुआ। गुरुवार को एक के बाद एक कई धमाके हुए। पीड़ितों ने बताया कि यहां का रहने वाले सतीश कुमार कहीं से बोरा में कचरा चुनकर आया था। कचरे से भरे बोरे को जैसे ही घर के पास फेंका, ताबड़तोड़ धमाके शुरू हो गये। बम धमाकों में आसपास रहे दर्जनभर लोग गंभीर रूप से झुलस गए।

आसपास के जिलों में सुरक्षा बढ़ाई गई

घटना की सूचना पर डीएम आलोक रंजन घोष, एसपी अमितेश कुमार सदर एसडीओ धर्मेंद्र कुमार ने मौके पर पहुंचकर जानकारी ली। डीएम आलोक रंजन घोष ने बताया कि बम निरोधक दस्ता को बुलाया जा रहा है। घटना के आसपास की जगह को खाली करा दिया गया है और खगड़िया और आसपास के जिलों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

प्रादेशिक

गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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